पटना (बिहार)। अस्पताल केे एमडी पर कंज्यूमर कोर्ट ने 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह रकम उसे पीडि़त मरीज को देनी होगी। जिला उपभोक्ता फोरम के चेयरमैन प्रेम रंजन मिश्रा और मेंबर रजनीश कुमार की टीम ने आरोपी डॉक्टर को यह आदेश दिया।

यह है मामला

गोपालगंज के रमेश कुमार यादव का इलाज पटना के एक निजी हॉस्पिटल में हुआ था। शिकायतकर्ता रमेश यादव का आरोप है कि 2012 में वह नौकरी करने के लिए दुबई जाने वाले थे। इसी बीच उनके पेट में दर्द शुरू हुआ। उन्होंने पटना के हॉस्पिटल में अपना इलाज करवाया तो पता चला कि उनके दोनों किडनी में स्टोन है। गांधी मैदान स्थित हॉस्पिटल के क्लीनिक में उनका ऑपरेशन किया गया।

इस दौरान 1 से 4 फरवरी 2012 तक वह उसे अस्पताल में भर्ती रहे। 1 लाख रुपए इलाज के पीछे खर्च हुआ। ऑपरेशन के कुछ दिनों बाद फिर से पेट में दर्द शुरू हुआ। फिर यहीं आकर दोबारा जांच करवाई तो पता चला कि किडनी में दो पाइप रह गयी हैं, जिसके कारण दर्द हो रहा है। छोटा ऑपरेशन करने की बात कर 20 हजार फीस ली गई और ऑपरेशन किया गया। उसके बाद भी उनका दर्द कम नहीं हुआ। फिर अल्ट्रासाउंड किया गया तो बताया गया कि एक पाइप और रह गया है। तीसरी बार भी ऑपरेशन की बात कही गई और 70 हजार रुपए लेकर ऑपरेशन किया गया।

रमेश यादव ने उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय में यह तर्क दिया गया कि हॉस्पिटल के डॉक्टर की लापरवाही के कारण वह दुबई जाकर नौकरी नहीं कर पाए। उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय ने मामले की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया। मेडिकल बोर्ड ने आरोपी डॉक्टर और अस्पताल के एमडी को पेश होने को कहा था, लेकिन वह बोर्ड के सामने पेश नहीं हुए। बाद में न्यायालय ने हॉस्पिटल के एमडी पर जुर्माना लगा दिया।