बेंगलुरु (कर्नाटक)। दवा कंपनी पश्चिम बंगा फार्मास्यूटिकल्स के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया गया है। बताया गया कि बल्लारी जिले में सी-सेक्शन प्रसव के बाद पांच महिलाओं की मौत हो गई थी, जहां उन्हें कंपनी का iv द्रव चढ़ाया गया था।
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने विधानसभा में कहा कि सरकार शोकाकुल परिवारों के लिए मुआवज़ा मांग रही है। एक बच्चे ने अपनी माँ खो दी है। हम इसे यूँ ही नहीं जाने दे सकते। हालाँकि मुआवज़ा देकर जिंदगियां वापस नहीं लाई जा सकतीं, लेकिन कंपनी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
ये मौतें नवंबर में बल्लारी जिला अस्पताल में हुई थीं। राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के एक मेडिकल पैनल ने चिकित्सा लापरवाही से इनकार किया है और पश्चिम बंगा द्वारा निर्मित रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन को संदिग्ध कारण बताया है।
उधर, कर्नाटक की प्रयोगशालाओं में iv द्रव के कई बैच गुणवत्ता जांच में फेल मलिे हैं। शिवमोग्गा में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 18(ए)(आई) और 27(डी) के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं। घटिया या नकली दवाइयों के निर्माण और बिक्री के लिए एक से दो साल की कैद और न्यूनतम 20 हजार रुपये का जुर्माना है।