हैदराबाद (तेलंगाना)। निजी स्कूल में ड्रग यूनिट का भंडाफोड़ करने में सफलता मिली है। मौके से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एलीट एक्शन ग्रुप फॉर ड्रग लॉ एनफोर्समेंट (ईगल) ने की। टीम ने बोवेनपल्ली के निजी स्कूल में अल्प्राजोलम बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश किया। इससे पूरे इलाके में हडक़ंप मच गया।
यह है मामला
मेधा हाई स्कूल परिसर को नशीली दवा के अड्डे में बदल दिया गया था। टीम ने स्कूल मालिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया। मौके से अल्प्राजोलम के साथ 21 लाख रुपये नकद जब्त किए। ये सिर्फ दो दिनों की बिक्री से प्राप्त हुए थे। आरोपियों की पहचान स्कूल के मालिक मालेला जय प्रकाश गौड़ (39), ड्राइवर पी. उदय साईं (23) और ट्रांसपोर्टर जी. मुरली साईं (23) के रूप में हुई है। स्कूल में लगभग 110 बच्चे नामांकित थे, जबकि जय प्रकाश उसी परिसर में गुप्त रूप से एक ड्रग यूनिट चला रहा था। अधिकारियों को मुख्य भवन और तहखाने के पीछे एक सुनसान कमरा मिला, जहाँ अल्प्राजोलम बनाया जा रहा था। पुलिस ने उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक ड्रम, एक स्टोव और एक छोटा रिएक्टर जब्त किया। रिएक्टर एक बार में 5 किलो तक अल्प्राजोलम बनाने में सक्षम था। पता चला है कि गौड़ ने लगभग एक साल पहले गुरुवरेड्डी नामक व्यक्ति से अल्प्राजोलम बनाने की विधि सीखी थी।
इसके बाद, उसने स्कूल के पिछले हिस्से में एक उत्पादन इकाई स्थापित कर ली। गौड़ जानबूझकर स्थानीय लोगों और अधिकारियों को गुमराह करने के लिए स्कूल चलाता था और कक्षा के समय में भी उत्पादन जारी रखता था। महबूबनगर निवासी गौड़ के ताड़ी की दुकानों के मालिकों के साथ घनिष्ठ संबंध थे। वह बूथपुर और अन्य गाँवों के डिपो में ताड़ी में मिलाने के लिए अल्प्राजोलम की आपूर्ति करता था। इससे एक समानांतर वितरण नेटवर्क बन गया।