कोझिकोड (केरल)। पतंजलि के बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का मामला प्रकाश में आया है। केरल में औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के उल्लंघन में मामले दर्ज किए गए हैं।
यह है मामला
योग गुरु बाबा रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और दिव्य फार्मेसी जोकि उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों की बिक्री करती है, के खिलाफ केस दर्ज हुए हैं। जानकारी अनुसार अब तक राज्य में इनके खिलाफ सात मामले दर्ज किए गए हैं। पलक्कड़ में तीन और कोझिकोड में चार। एक और मामला उत्तराखंड के हरिद्वार में है, जहां कंपनी स्थित है।
यह भी पता चला है कि इनमें से किसी भी मामले में आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं। उनके उत्पादों में से एक दिव्य लिपिडोम ने कोलेस्ट्रॉल और डिस्लिपिडेमिया को कम करने और वसा चयापचय में सहायक होने का दावा किया गया। जबकि पतंजलि न्यूट्रेला डायबिटिक केयर ने रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और शरीर के वजन को कंट्रोल करने का दावा किया। अधिनियम की धारा 3 (डी) के उल्लंघन के तहत ये मामले दर्ज किए गए हैं।
पहला मामला 8 अप्रैल को कोझिकोड कोर्ट में दायर किया गया था। हालांकि रामदेव और बालकृष्ण को तीन बार न्यायाधीश के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन पेश नहीं हुए। सुनवाई की अगली तारीख 14 जनवरी, 2025 है। कोझिकोड के अन्य मामलों में, उन्हें 16 नवंबर, 11 दिसंबर और 19 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा गया है। हरिद्वार में मामला 16 अप्रैल को दायर किया गया था। हालांकि आरोपियों को कई बार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।
पलक्कड़ स्थित न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वितीय में 28 अक्टूबर को दो मामले तथा 25 अक्टूबर को एक और मामला दर्ज किया गया। श्री रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ समन आदेश जारी किए गए हैं तथा सुनवाई की अगली तारीखें 16 जनवरी, 23 जनवरी तथा 24 जनवरी, 2025 हैं।