इजराइल। जानलेवा घातक जीवाणु के विरुद्ध दुनिया की पहली MRNA वैक्सीन बनाई गई है। तेल अवीव विश्वविद्यालय और इजऱाइल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च ने इसमें सफलता पाई है। इजऱाइली शोधकर्ताओं ने एक घातक जीवाणु के खिलाफ दुनिया का पहला टीका विकसित किया है। इसमें कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए इस्तेमाल की गई प्रणाली का उपयोग किया है।

टीम ने एक घातक, एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी जीवाणु के विरुद्ध पहला द्वक्रहृ्र-आधारित टीका बनाया। इसे पशु मॉडलों में संक्रमण के विरुद्ध 100 फीसदी सुरक्षित पाया गया। येर्सिनिया पेस्टिस वह जीवाणु है जो ब्यूबोनिक प्लेग का कारण है। विकसित किया गया टीका न्यूमोनिक प्लेग के प्रकार पर केंद्रित है।

तेल अवीव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डैन पीर के अनुसार, यह जीवाणु एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। यह श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बनता है और इसके खिलाफ टीका विकसित करना विशेष रूप से कठिन हो जाता है।
शोधकर्ता डॉ. उरी एलिया ने कहा कि वायरस जीवित रहने और प्रतिकृति बनाने के लिए मेज़बान कोशिका पर निर्भर करते हैं।

वे कोशिका को एक आरएनए अणु से संक्रमित करते हैं। इसमें वायरल प्रोटीन बनाने के निर्देश होते हैं। हालांकि, बैक्टीरिया की कहानी अलग है। वे अपने प्रोटीन खुद बनाते हैं और मानव कोशिकाओं पर निर्भर नहीं होते। इसके अलावा, मनुष्यों और बैक्टीरिया के अलग-अलग विकास पथों के कारण, उनके प्रोटीन हमारे प्रोटीन से बहुत अलग होते हैं।