बिजनौर (उप्र)। मेडिकल स्टोरों से लिए गए दवाओं के चार सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं। चारों दवाओं में एंटीबायोटिक अधोमानक मिले तथा एक कांबीनेशन की टेबलेट तो पानी में डालने पर आधे घंटे में भी नहीं घुल पाई।चारों मामलों में संबंधित के खिलाफ केस दर्ज करवाने की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है।

यह है मामला

औषधि निरीक्षक उमेश भारती ने बताया कि चांदपुर में यूनिवर्सल मेडिकल स्टोर से सेफ्पोडॉक्सिम प्रोक्सेटिल का सैंपल लिया था। यह दवा डिजिटल विजन कालाआंब सिरमोर की कंपनी ने बनाई थी। इसके अलावा चांदपुर में ही मोहित मेडिकल स्टोर से सेफ्पोडॉक्सिम प्रोक्सेटिल का सैंपल लिया था, जो सिवास बायोटेक पैरेंटर्लस केवट करनाल कंपनी में बना था। दोनों दवाओं के सैंपल जांच में अधोमानक मिले हैं।

इसके अलावा चांदपुर के गांव करनपुर में सैनी मेडिकल स्टोर से लिया गया नॉरफ्लोक्सासिन और टिनिडाजोल दवा का सैंपल भी जांच में मानकों पर खरा नहीं उतरा। जांच रिपोर्ट के अनुसार छह टेबलेट में से कोई भी आधे घंटे में भी पानी में नहीं घुली।

यह दवा स्पेक्ट्रम फॉम्र्युलेशन प्राइवेट लिमिटेड मखनपुर, भगवानपुर, रुड़की हरिद्वार ने बनाई थी। वहीं सेफिक्सिम और ओफ्लॉक्सासिन दवा निर्माता पार्क फार्मास्युटिकल्स कालूझंडा, नानकपुर, बद्दी, सोलन हिमाचल प्रदेश भी अधोमानक पाई गई। संबंधित के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है।