चंडीगढ़। फार्मासिस्ट के लिए हरियाणा सरकार ने राहत जारी की है। डी फार्मेसी फार्मासिस्टों की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की वैधता 31 दिसंबर 2026 तक बढ़ा दी है। उनकी वैधता फार्मेसी एग्जिट एग्जामिनेशन आयोजित नहीं होने के कारण बढ़ाई है। बता दें कि राज्य में 2022 में फार्मासिस्टों की संख्या 39,155 थी। यह अब बढ़कर 65 हजार के करीब पहुंच चुकी है।

यह है मामला

2022-2023 बैच व उसके बाद के डी फार्मासिस्ट के लिए एग्जिट एग्जाम पास होने की बाध्यता हटा दी है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने यह फैसला लिया है। पीसीआई के रजिस्ट्रार ने इस बारे में राज्यों के काउंसिल, ट्रिब्यूनल एवं संस्थानों को पत्र भेजा है। उन्होंने सभी फार्मेसी काउंसिल से अनुरोध किया है कि वे एग्जिट एग्जाम होने तक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करें। इसके बाद 2022-23 सत्र व उसके बाद के छात्रों का निबंधन के साथ-साथ पूर्व निबंधन का नवीकरण भी हो सकेगा। इस फैसले से राज्य में हजारों छात्रों को फायदा होगा। डिप्लोमा इन फार्मेसी की परीक्षा पास कर चुके छात्र एग्जिट एग्जाम पास किए बगैर ही फार्मेसी काउंसिल में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। वहीं जिनके निबंधन पर दिसंबर तक की पाबंदी थी, उनका अब रिन्युअल भी हो सकेगा।

बता दें कि एग्जिट एग्जाम लेने की जिम्मेवारी फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की ही थी। यह परीक्षा नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) के माध्यम से आयोजित की जानी थी। लेकिन अब तक एक बार भी यह परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी। इसके बाद बीते साल पास छात्रों को एक साल के लिए रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी थी।