नई दिल्ली। पतंजलि भ्रामक दवा विज्ञापन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 15 जनवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट में एलोपैथिक दवा के खिलाफ भ्रामक दावों और विज्ञापनों के संबंध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई की गई थी।
न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की खंडपीठ ने एमिकस क्यूरिया शादान फरास्ट से मामले से जुड़े मुद्दों, अब तक पारित आदेशों का विवरण और इन आदेशों के अनुपालन पर एक संक्षिप्त नोट देने को कहा। सुनवाई की अगली तारीख 15 जनवरी तय की गई। पीठ ने कहा कि चूंकि यह नई पीठ है, इसलिए न्यायाधीश मामले को समझना चाहते हैं। इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने याचिका दाखिल की थी। याचिका में कथित तौर पर आधुनिक चिकित्सा और कोविड-19 टीकाकरण अभियान के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाने के लिए पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
कोर्ट के आदेशों की अवहेलना
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशों की अवहेलना के लिए पतंजलि और इसके सर्वेसवा रामदेव-बालकृष्ण के खिलाफ कार्रवाई की थी। कहा गया था कि इसके लिए माफी मांगते हुए अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित किया जाए।