इलाहाबाद (उप्र)। फार्मासिस्ट भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व आयोग से तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के फार्मासिस्ट के 1002 पदों की भर्ती विज्ञापन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने जौनपुर के विजय सिंह व सात अन्य की याचिका पर दिया है।

यह है मामला

एडवोकेट सिद्दीकी के अनुसार 2015 नियमावली के अनुसार भर्ती लिखित परीक्षा और साक्षात्कार से की जानी है लेकिन सरकार ने 20 नवंबर 2020 के शासनादेश से पीईटी टेस्ट कराने का फैसला लिया है। यह नियमावली का खुला उल्लंघन है। शासनादेश नियमावली को आच्छादित नहीं कर सकता इसलिए शासनादेश के आधार पर की जा रही भर्ती रद्द की जाए। उधर, राज्य सरकार का कहना है कि 2015 की नियमावली लागू होने के बाद पहले की नियमावली निष्प्रभावी हो चुकी है। शासनादेश नियमावली के तहत जारी किया गया है।