इलाहाबाद (उप्र)। जेनेरिक दवाओं की कीमत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता, उनकी मूल्य पारदर्शिता और सरकारी प्रतीक चिह्न को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। केंद्र, राज्य सरकार, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से चार सप्ताह में जानकारी मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह व संदीप जैन की खंडपीठ ने संजय सिंह की जनहित याचिका पर दिया है।
यह है मामला
याचिका में जेनेरिक दवाओं की कीमतों में भारी अंतर, मुनाफाखोरी और जेनेरिक दवाओं पर सरकारी प्रतीक चिह्न न होने जैसे गंभीर मुद्दों को उठाया गया है। कहा गया है कि जेनेरिक दवाओं को कई मेडिकल स्टोर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म एमआरपी पर ही बेच रहे हैं।
साथ ही मरीजों को यह पता नहीं चल पाता कि कौन सी दवा ब्रांडेड हैं और कौन सी जेनेरिक। याची ने मांग की है कि सभी जेनेरिक दवाओं पर एक अनिवार्य प्रतीक चिह्न लगाया जाए। सरकारी सब्सिडी या मूल्य नियंत्रण का लाभ सीधे अंतिम उपभोक्ता को मिले।