नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन ने कहा कि हम मई तक भारत में आरटी-पीसीआर और एंटीबॉडी टेस्टिंग किट बनाने में सक्षम होंगे। सारी प्रक्रियाएं एडवांस स्टेज में हैं और आईसीएमआर से मंजूरी मिलने के बाद उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। इससे हमें एक मई तक प्रतिदिन एक लाख टेस्टिंग का लक्ष्य पूरा करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिल्ली के एलजी, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री, एमसीडी कमिश्नर, डीएम और राजधानी के सभी जिलों के डीसीपी के साथ समीक्षा बैठक भी की। मीटिंग में केंद्रीय/राज्य और जिला निगरानी अधिकारी और सरकारी अस्पतालों के प्रमुख भी शामिल थे। राजधानी कोरोना वायरस का व्यापक रूप से फैल रहा हैं। दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या में 4.11 फीसदी मरीज स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हैं। इसमें 26 नर्स, 24 फील्ड वर्कर, 33 डॉक्टर और 13 पैरामेडिक्स शामिल हैं। हर्ष वर्धन ने कहा कि ये चिंता की बात है। शहर में मौजूद समय में 100 करीब हॉटस्पॉट भी हैं। ये संख्या कम होनी चाहिए।
दूसरी तरफ चीन ने कहा कि वह दो चीनी कंपनियों की ओर से मुहैया कराई गई कोविड-19 त्वरित जांच किट के आकलन के परिणाम और आईसीएमआर द्वारा इनका उपयोग नहीं किए जाने के फैसले से ‘बेहद चिंतित’ है। उसने उम्मीद जताई कि भारत ‘तार्किक ढंग’ से इस मुद्दे को सुलझाएगा। गौरतलब है कि आईसीएमआर ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से चीनी कंपनियों -गुआंगझू वोंडफो बायोटेक और झुहाई लिवजोन डायग्नोस्टिक से खरीदी गई किट का इस्तेमाल बंद करने को कहा क्योंकि इनके परिणामों में ‘बड़ा अंतर’ देखने को मिल रहा था।