इटावा। अवैध दवा फैक्टरी का भंडाफोड़ किया गया है। सराय शेख क्षेत्र में यह दवा फैक्टरी पिछले दस सालों से बिना पंजीकरण के चल रही थी। यहां एक्सपायर्ड दवाओं से कैप्सूल बनाए जाने का मामला पकड़ में आया है। इसका पर्दाफाश औषधि विभाग की टीम ने किया।
बताया गया है कि यहां बनाई जाने वाली दवाओं को झोलाछाप डॉक्टरों के जरिए मेडिकल स्टोरों तक पहुंचाया जाता था। औषधि निरीक्षक रजत पांडेय ने बताया कि छापे के दौरान फैक्टरी से 90 हजार खाली कैप्सूल, 1,186 भरी और खाली आयुर्वेदिक शीशियां, लेबल, मिक्सर, वंडरफनल, चम्मच और रंग-बिरंगे करीब 20,000 कैप्सूल बरामद किए गए।
एक्सपायर दवाएं मिली
छापेमारी के दौरान फैक्टरी में दवाओं के बोरे में अधिकतर एंटीबायोटिक, पैरासीटामॉल, सिफिचिन, जोरोन, पोटेशियम और एवरसोफेनिक जैसी दवाएं थीं। यह दवाएं फरवरी और अप्रैल में एक्सपायर हो चुकी थीं। फैक्टरी के संचालक राजीव कुमार ने पूछताछ में बताया कि वह मिक्सर में एक्सपायर्ड दवाओं को पीसकर रंग-बिरंगे पाउडर में भरकर बेचते थे। औषधि विभाग ने नौ बोरे में करीब छह साल पुराना माल सीज किया और लखनऊ में जांच के लिए भेज दिया।
दवाओं के सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दवाओं की कीमत लगभग छह लाख रुपये आंकी गई है।