नई दिल्ली। एचआईवी की सबसे सस्ती दवा बनाने में भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एचआईवी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जो दवा अमेरिका में लगभग 35 लाख रुपये में मिलती है, वही अब भारत में सिर्फ 3,300 में मिलेगी।
इस नई दवा के बाजार में आने से सबसे ज्यादा लाभ गरीब और विकासशील देशों के मरीजों को होगा। वहां अब तक महंगी दवाएं खरीदना मुश्किल था। वहां के लिए यह दवा जीवन रक्षक साबित होगी। भारत पहले से ही जेनेरिक दवाओं के उत्पादन में दुनिया का बड़ा केंद्र है। अब एचआईवी की इस दवा को बनाकर एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है.
यह दवा अमेरिका व अन्य देशों में पहले से इस्तेमाल हो रही ब्रांडेड दवा का ही जेनेरिक वर्जन है। ब्रांडेड दवा सामान्य मरीजों के लिए खरीदना लगभग असंभव है। भारत में बने इस जेनेरिक वर्जन की कम कीमत से हर जरूरतमंद तक पहुंचाया जा सकेगा। यह दवा बाजार में 2027 तक बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराई जाएगी। अनुमान है कि इस सस्ती दवा से करोड़ों लोगों को नई जिंदगी मिलेगी। एड्स के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूती मिलेगी।