लखनऊ। प्राइवेट क्लीनिक से ली गई दवा के सेवन के बाद एक श्रमिक की मौत हो गई। इसके चलते मृतक के परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया और शव सडक़ पर रखकर हंगामा किया।

यह है मामला

इंदिरानगर के सुगामऊ में दवा खाने के बाद बुखार से पीडि़त मजदूर अरविन्द कुमार (50) की रविवार रात मौत हो गई। इससे आक्रोशित परिजनों और अन्य लोगों ने निजी क्लीनिक के फिजिशियन डॉ. अनुराग श्रीवास्तव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने गलत दवा देने का आरोप लगाते हुए सुगामऊ चौराहे पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके चलते सडक़ पर जाम लग गया और मौके पर तीन थानों की पुलिस भेजी गई। पुलिस प्रशासन ने परिजनों को समझाया। मृतक की पत्नी मीरा रावत ने डॉ. अनुराग श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायत दर्ज करवाई है।

जानकारी अनुसार अरविन्द सुगामऊ में मजदूरी करता था। उसे करीब चार दिनों से हाथ-पैर में दर्द के साथ बुखार था। इलाज के लिए वह शिवराम चौराहा स्थित निजी क्लीनिक में गया। यहां जनरल फिजिशियन डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने जांच के बाद दवा देकर वापस भेज दिया।

आरोप है कि दवा खाने के 10 मिनट बाद ही अरविन्द बेसुध होकर गिर पड़ा। परिजन उसे नजदीकी अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि दवा के रिएक्शन की वजह से अरविन्द की मौत हुई है। इससे परिजन आक्रोशित होकर लोगों संग शव लेकर सुगामऊ चौराहे पर पहुंच गए और जाम लगा दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाया। मीरा रावत ने शिकायत दी है कि अनुराग श्रीवास्तव ने बिना जांच के ही उनके पति को दवा दे दी। इसके रिएक्शन से ही उनकी मौत हुई है। मीरा ने जांच की मांग की है।