अलवर (राजस्थान)। अस्पताल में खुद की डेडबॉडी लेने युवक पहुंचा तो डॉक्टरों के पसीने छूट गए। जिले के ईएसआईसी अस्पताल में एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद पता चला कि जिस नाम के व्यक्ति का इलाज किया जा रहा था, उसका नाम कुछ और है। जब परिजन शव लेने आए तो पूरा मामला पता चलते ही अस्पताल प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी।

यह है पूरा मामला

भैरूसिंह पुत्र महादेव राजपूत निवासी टीटपुर कोठड़ी नामक एक मरीज को टीबी की बीमारी के इलाज के लिए ईएसआईसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच 13 दिसंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को मौत की सूचना देते हुए मरीज के मौत संबंधी जरूरी दस्तावेज तैयार कर लिए। बाद में शव लेने आए मृतक के एक परिजन ने खुद को भैरू सिंह बताते हुए श्याम सुंदर (30) पुत्र कप्तान सिंह निवासी ग्राम टीटपुर कोठड़ी हाल निवासी सोनावा की डूंगरी के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने को कहा।

इसके बाद अस्पताल स्टाफ मृतक का असली नाम और उसकी पहचान को लेकर सांसत में आ गया। आखिर में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर संदेह के आधार पर उसका अलवर जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद ही शव परिजनों को सौंपा गया। वहीं, ईएसआईसी अस्पताल प्रशासन ने भी शव देने से पहले परिजन से शपथ पत्र भरवाया।

दरअसल, मरीज भैरू सिंह की मौत के बाद शव सुपुर्दगी के दौरान स्टाफ ने साइन कराए तो मृतक के एक परिजन ने भैरू सिंह के नाम से ही साइन कर दिए। स्टाफ के टोकने पर उसने बताया कि मृतक का नाम भैरू सिंह नहीं बल्कि श्याम सुंदर है। ईएसआईसी अस्पताल की चिकित्सा सुविधाओं को लाभ लेने के लिए मरीज को उसके नाम से भर्ती कराया गया था। बाद में स्थिति बिगडऩे पर उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र दूसरे व्यक्ति के नाम पर बनवाने की बात कहने पर मामले का पता चला।