आगरा। कैंसर, किडनी और लीवर जैसे रोगों की दवाएं भी जांच में नकली पाई गई हैं। औषधि विभाग की जांच में करीब हर तीसरा सैंपल फेल आ रहा है।

यह है मामला

औषधि विभाग ने बीते साल करीब 286 सैंपल की रिपोर्ट मिली। इसमें से करीब 150 सैंपल दवाओं के थे तो वहीं अन्य कच्चे माल के रहे। जांच में दवाओं के 47 सैंपल फेल मिले। इसमें 35 नकली और बाकी अधोमानक पाए गए। इनमें कैंसर, किडनी-लिवर, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, जुकाम-खांसी, बुखार की दवाएं नकली मिलीं। वहीं, मानसिक रोग, एंटीबायोटिक, पेट दर्द की दवाएं भी मानकों पर खरी नहीं उतरीं। इससे साफ है कि दवा माफिया ने करोड़ों की दवाएं बाजार में खपा दीं।

दवा माफिया ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात की नामी कंपनियों के नाम से नकली दवाएं बनाईं। औषधि विभाग के छापे में प्योर एंड क्योर हेल्थ केयर, एकम्स ड्रग्स, एंड डी पिल्स केसर, स्माइलेक्स हेल्थकेयर, हिमालया मेडिटेक, अल्फा प्रोडक्ट, वीके लाइफ साइंसेज, अबॉर्ट हेल्थ केयर, केडला मेडिटेक कंपनी के नाम से नकली दवाएं बरामद की गईं।
सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि गंभीर रोगों की दवाएं भी जांच में नकली मिली हैं। इनकी रिपोर्ट बनाई है और आरोपियों के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि बीते साल करीब 20 करोड़ की दवाएं-उपकरण जब्त किए हैं।