सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे मोदी और राहुल के लोकसभा क्षेत्र में 

नई दिल्ली। आम चुनाव से पहले कुपोषण के मामले में देश को आईना दिखाने वाले कुछ आंकड़े सामने आए हैं। कुल 545 लोकसभा क्षेत्रों में से 72 में सबसे अधिक कुपोषित बच्चे पाए गए, जबकि इस बारे में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले इलाकों में शीर्ष पांच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी और उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडग़े के संसदीय क्षेत्र हैं। राज्यों के लिहाज से बात करें तो कुपोषण के मामले में सबसे खस्ता हालत उत्तर प्रदेश की है। इस मामले में सबसे आगे रहने वाले क्षेत्रों की सूची (शीर्ष 20) में यूपी से लगभग छह इलाके हैं।
शोधकर्ताओं ने ऐसी तकनीक खोज ली है, जिसके जरिए भारत में कुपोषण का आकलन संसदीय क्षेत्रों की मदद से भी किया जा सकता है। संबंधित विश्लेषण में बच्चों में कुपोषण का आधार दो पैमानों पर तय किया गया। पहला- उम्र के हिसाब से बच्चों का कम वजन होना, जबकि दूसरा उनका अनेमिया का शिकार होना था। रिपोर्ट में बताए गए 72 संसदीय क्षेत्रों में 12 झारखंड, 19 मध्य प्रदेश, 10 कर्नाटक, आठ उत्तर प्रदेश और छह राजस्थान से हैं।
‘स्टेट ऑफ न्यूट्रीशियन अमंग चिल्ड्रेन इन पार्लियामेंट्री कॉन्सिटटुएंसीज ऑफ इंडिया’ के मुताबिक, सबसे बदतर हालत खडग़े के गुलबर्ग (कर्नाटक) क्षेत्र की है, जहां कुपोषण की दर 49.7 फीसदी है। दूसरे नंबर पर राहुल का अमेठी (यूपी) है, जहां 43.6 प्रतिशत कुपोषण है, जबकि तीसरे नंबर पर कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुणा (मध्य प्रदेश) का नाम है। वहां यह आंकड़ा 43.2 फीसदी पाया गया। अब बात आती है काशी (यूपी) की। यह पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है, जहां आंकड़े बताते हैं कि कुपोषण दर 43.1 फीसदी है। नरेंद्र सिंह तोमर के ग्वालियर (म.प्र) में यह आंकड़ा 43 प्रतिशत पाया गया। वहीं, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का विदिशा (म.प्र) में 40.4 फीसदी कुपोषण बताया गया। आगे इसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह के लखनऊ का नाम है, जहां 40.3 प्रतिशत कुपोषण आंका गया। वहीं, सपा के मुलायम सिंह के आजमगढ़ में 40.1 फीसदी कुपोषण की दर मिली।
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