हरियाणा – स्वास्थ्य मंत्री विज के ” घर ” में ही बेटियां कम

चंडीगढ़
राज्य की खट्टर सरकार में बेहतर और दबंग कार्यशैली के लिए पहचाने जाने वाले स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज स्वास्थ्य सुविधाओं और समस्याओं को लेकर बेहद संजीदा नजर आते हैं, लेकिन उनकी यह संजीदगी केवल दूसरे जिलों में ही नजर आ रही है, क्योंकि उनके अपने जिले अंबाला में तो कभी नशीले पदार्थों का जखीरा पकड़ा जा रहा है, तो कभी नकली कॉस्मेटिक उत्पादों की फैक्टरी। अब ताजा जानकारी यह है कि उनके जिले में लिंगानुपात भी नीचे जा रहा है।
सरकार द्वारा लागू किए गए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का असर जहां पूरे प्रदेश में दिखाई दे रहा है वहीं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का गृह जिला अंबाला इस मामले फिसड्डी है। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के विधायक उमेश अग्रवाल ने ही लिंगानुपात के मामले में की जाने वाले कार्रवाई को लेकर अपनी ही सरकार पर सवालिया निशान लगा दिया। उमेश अग्रवाल ने जिलावार लिंगानुपात का आंकड़े के अलावा इस मामले में सरकार द्वारा की जाने वाली कार्रवाई का ब्यौरा मांगा था। जिसका जवाब स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दिया। एक जनवरी 2014 से 30 सितंबर 2014 तक हरियाणा में लिंगानुपात की औसत दर जहां 872 आंकी गई है वहीं अंबाला जिले में यह दर 888 थी।
इसे आधार मानकर जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2016 तक अंबाला में औसत लिंगानुपात 872 रहा है। इसकी एवज में लिंगानुपात का आंकड़ा 902 रहा है। प्रदेश में लिंगानुपात के मामले में सबसे अधिक सुधार सिरसा जिले में हुआ है। यहां इस अवधि के दौरान लिंगानुपात सबसे अधिक 965 के आंकड़े को हाथ लगा दिया है।
प्रदेश के 21 जिलों में से अभूतपूर्व वृद्धि मुस्लिम बाहुल क्षेत्र मेवात में हुई है। मेवात में 920 की औसत के आधार पर तय अवधि के दौरान लिंगानुपात का आंकड़ा 935 तक पहुंच गया है। विधानसभा में विधायक उमेश अग्रवाल ने छापे की कार्रवाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कई केसों में यह बात सामने आई है निर्दोष चिकित्सकों को निशाना बनाया गया है।
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