हरियाणा में चल रहे खून का काले कारोबार पर हुई सख्त सरकार , 7 पर एफआईआर दर्ज

पंचकूला। खून के धंधेबाजों पर शिकंजा कसने के लिएहरियाणा के स्वास्थ्यमंत्री अनिल विज ने चैरिटेबल ब्लड बैंको एवं बिना अनुमति के चल रहे रक्तदान शिविरों के ऊपर नकेल कसने के निर्देशों के चलते पोर्टल बनाकर खून की एक-एक बूंद का ब्योरा अपलोड करने के आदेश दिए थे। निरीक्षण में पाई गई खामियों के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 7 ब्लड़ बैंक पर सख्त कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की तो वहीँ टीम ने 67 ब्लड़ बैंकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आदेशानुसार हरियाणा एफडीए ने प्रदेश में संचालित सभी 139 ब्लड सैन्टरों का निरीक्षण करवाया। इन निरीक्षणों को प्रदेश के औषधि नियंत्रण अधिकारियों / वरिष्ठ औषधि नियंत्रण अधिकारियों ने तथा भारत सरकार के अधिकारियों ने मिलकर संयुक्त रूप से किया। इनमें से कई पर गंभीर offence / contraventions पाए जाने पर सख्त कर्यवाही की गई।
टीम ने 7 ब्लड़ बैंक पर सख्त कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की है। टीम ने 67 ब्लड़ बैंकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। इसके साथ ही उन्होंने 9 रक्त केंद्रों का संचालन बंद कर दिया। टीम ने कार्रवाई करते हुए एक दर्जन से अधिक ब्लड बैंकों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए। उन्होंने फरीदाबाद के एक ब्लड सेंटर का लाइसेंस रद्द कर दिया। एक ब्लड बैंक के खिलाफ कैथल थाने में एफआईआर दर्ज करवाई क्योंकि बैंक ब्लड प्लाज्मा ज्यादा मूल्य पर बेच रहा था।
टीम ने एक डॉक्टर अजहर राव के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की। यह डॉक्टर हरियाणा के 3 व उसी समय के बीच उतर प्रदेश के 2 ब्लड़ बैंकों में नौकरी करता पाया गया था। सबूतों के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। वहीँ कैथल के एक डॉक्टर मंगत राम सिंगला को भी एक ही समय में दो स्थानों पर कार्य करता पाया गया। जिसके चलते उसके खिलाफ भी एफआईआर कैथल थाने में दर्ज की गई। इसके अलावा एक एफआईआर जयपुर से आकर बिना अनुमति रानियां में रक्तदान शिविर लगाने के खिलाफ की गई है। जयपाल, नरेश एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया ।
विभाग ने तीन Decoy operation भी किए। इन रक्त केन्द्रों पर डाक्टर की जांच बिना रक्त दाता को फिट घोषित किया गया और रक्त दान करवा लिया गया। ये Decoy operation हिसार के श्री राम ब्लड सेंटर, टोहाना के संगम ब्लड सेंटर तथा महेंद्रगढ़ के डाटा राम ब्लड सेंटर पर किया गया था। इनमे ज्यादातर चैरिटेबल ब्लड सेंटर बिना अनुमति के रक्तदान शिविर लगाते पाए गए। टीम ने पाया कि कैम्पस में अधिकतर डॉक्टर गैर हाजिर होते थे।

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