Budget 2023: सरकार ने अपने 10वें आम बजट में फार्मा उद्योग को बढ़ावा देने का लक्ष्य लिया है। स्वास्थ्य सेवा को चार बड़ी सौगात देते हुए मरीजों की बेहतर चिकित्सा सेवा पर जोर दिया है। बजट में एक ओर 157 नए नर्सिंग कॉलेज शुरू करने की घोषणा की है। वहीं सिकलसेल एनीमिया के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर अभियान शुरू करने का भी संकल्प दिलाया है।
कोरोना महामारी के बाद सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हेल्थ सेक्टर की इसी अहमियत को देखते हुए बजट 2023-24 के तहत स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। आइए जानते हैं हेल्थ सेक्टर के लिए बजट में क्या-क्या सौगात दी गई है-
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विश्व स्तर पर भारत को ‘वर्ल्ड ऑफ फार्मेसी’ का दर्जा दिलाने के लिए सरकार ने फॉर्मा क्षेत्र में अनुसंधान बढ़ाने के लिए जल्द ही एक नया राष्ट्रीय कार्यक्रम लॉन्च करने की घोषणा भी की। वित्त मंत्री ने कहा कि 2019 की तुलना में इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र को कुल जीडीपी का 2.1 फीसदी आवंटित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। 2019 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को कुल जीडीपी का 1.40 प्रतिशत आवंटित हुआ था। पिछले वर्ष 2022 के बजट में स्वास्थ्य मंत्रालय को कुल 83 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 73,932 करोड़ की तुलना में लगभग 14 से 15 प्रतिशत की वृद्धि थी। इस बार 2023-24 के बजट में स्वास्थ्य मंत्रालय को कुल 86,175 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 1.04 लाख करोड़ रुपये की मांग रखी गई थी। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में कई सुधार की जरूरत है। इसलिए नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी, साथ ही मेडिकल कॉलेज में ज्यादा से ज्यादा प्रयोगशालाओं की व्यवस्था की जाएगी।
आईसीएमआर लैब का प्रयोग प्राइवेट क्षेत्र में भी
आईसीएमआर की प्रयोगशालाओं का इस्तेमाल प्राइवेट क्षेत्र में भी किया जाएगा। नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने जानकारी दी है कि जल्द ही वे इस दिशा में कार्य शुरू करेंगे। उनके नेटवर्क में शामिल करीब 60 से अधिक प्रयोगशालाओं में से करीब 30 से 40 प्रतिशत का चयन किया जाएगा। इसके बाद, जिस किसी संस्थान या फिर शोधार्थियों को शोध करने के लिए इसकी आवश्यकता होगी, वे सीधे तौर पर आईसीएमआर से संपर्क कर सकेंगे। प्रयोगशालाओं में मौजूद सभी संसाधनों का इस्तेमाल वे कर सकेंगे।
एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य
वित्त मंत्री साल 2047 तक एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए एक मिशन की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि 0 से 40 साल तक के लोग इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित है। ऐसे में देश में 7 करोड़ लोगों की स्क्रिनिंग की तैयारी की जाएगी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रालय और राज्य सरकारों को हेल्थ सेक्टर के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
आयुष मंत्रालय का बजट बढ़ा
इस बार आयुष मंत्रालय का कुल बजट 20 प्रतिशत बढ़ाकर 3,647.50 करोड़ रुपये आवंटित किया है। वहीं, राष्ट्रीय आयुष मिशन को 1200 करोड़ रुपये मिले हैं जो 2022 की तुलना में करीब 50 प्रतिशत अधिक है। इस बजट के जरिए आयुष अस्पताल और औषधालयों में चिकित्सा सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा बजट में भारतीय पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति की ताकत पर विचार किया है।
157 नए नर्सिंग कॉलेज की शुरुआत
आम बजट 2023 के तहत वित्त मंत्री ने 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने का भी एलान किया। उन्होंने बताया कि साल 2014 से स्थापित किए गए मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ को-लोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, जहां छात्रों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही हेल्थ सेक्टर में नौकरी बढ़ाने पर भी फोकस किया जाएगा।