अब पैनक्रियाज कैंसर का इलाज हुआ संभव

अब पैनक्रियाज कैंसर का इलाज हुआ संभव

Pancreatic Cancer: पैनक्रियाज कैंसर (Pancreatic Cancer) अग्नाशय में होने वाला कैंसर है। पैनक्रियाज कैंसर बहुत ही खतरनाक होता है हर साल इसके कारण कई लोगों की मौत हो जाती है। 60 सालों के लंबे इंतजार के बावजूद इसके इलाज में सुधार नहीं हुआ है इस कैंसर से पीड़ित 100 प्रतिशत में से 90 प्रतिशत लोगों की मौत  हो जाती है। हालांकि अब पैनक्रियाज कैंसर से लड़ने के लिए एक उम्मीद की किरण जागी है। ऐसा लग रहा है कि अब इस कैंसर का इलाज संभव हो पायेगा।

पैनक्रियाज कैंसर (Pancreatic Cancer) से लड़ने के लिए वैक्सीन तैयार 

पैनक्रियाज कैंसर से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए कुछ विशेषज्ञों ने  mRNA वैक्सीन का उपयोग किया। सर्जरी के द्वारा ट्यूमर निकालने के बाद मरीजों को ये वैक्सीन लगाई गई। मरीज को वैक्सीन लगाने के बाद 18 महीने के लिए उन्हें के ऑब्जरवेशन में रखा गया। तब तक उनमें दोबारा कैंसर के लक्षण नहीं दिखे। पैनक्रियाज कैंसर एक ऐसा कैंसर है जो सर्जरी के कुछ महीनों के बाद फिर से हो जाता है। लेकिन  mRNA वैक्सीन लगाने के बाद मरीजों में दोबारा इस कैंसर के लक्षण देखने को नहीं मिले। Heidelberg के जर्मन कैंसर रिसर्च सेंटर की ट्यूमर इम्यूनोलोजिस्ट Niels Halama ने इस कामयाबी को फेंटास्टिक और अनएक्पेक्टेड बताया है।

इस तरह से किया गया रिसर्च

पैनक्रियाज कैंसर से पीड़ित मरीजों पर शोध करने के लिए न्यूयॉर्क के Memorial Sloan Kettering Cancer Center में मरीजों के ट्यूमर रिमूव कर जर्मनी भेजे गए थे। इसके बाद BioNTech नाम की बायोटेक्नॉलोजी कंपनी ने इन ट्यूमर के टिश्यू जिनोम को सिक्वेंस किया और ये म्यूटेशन Neoantigens को जानने की कोशिश की गई। इसके बाद अलग-अलग मरीजों को Neoantigens को टारगेट किया गया। ये एक बेहद जटिल प्रोसेस थी, जिसमें कई साल लगे। इसके बाद mRNA बेस्ड वैक्सीन तैयार किया गया। उसी तरह जैसे mRNA वैक्सीन, कोविड 19 के लिए बनाया गया था। इस रिसर्च का मकसद Neoantigen स्ट्रक्चर के खिलाफ इम्यून रिएक्शन को शुरू करना था।

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ये वैक्सीन मरीज को पहली बार ऑपरेशन होकर ट्यूमर निकलने के नौ महीने बाद दी गई। इसके साथ कीमोथेरेपी भी जारी रखी गई। आठ मरीजों में इस वैक्सीन का अच्छा रिस्पॉन्स दिखा जिनमें ट्यूमर की वापसी नहीं हुई। वहीं आठ मरीजों में कैंसर की वापसी फिर से हो गई।
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