पटना। अगर हम पांच फार्मूले को अपनाए तो जिंदगी के 10 साल बढ़ा सकते हैं। तमिलनाडु के प्रसिद्ध मधुमेह के डॉक्टर आर राजशेखर का कहना है कि हर दिन अपने लिए कुछ समय निकालें। दिल, शुगर व बीपी की बीमारी से इन चंद पलों में खुद को सुरक्षित कर सकते हैं। इसके लिए हमें पांच फार्मूले पर अमल करना होगा। इसमें हेल्दी डाइट लें, जंक फूड से दूर रहें, हर दिन आधा घंटा व्यायाम करें, सिगरेट-बीड़ी से दूर रहे व शराब को बाय बाय बोले और मोटापा दूर भगाएं। डॉ राजशेखर ने कहा कि इसी साल अमेरिका की एक रिसर्च कंपनी ने इसका इजाद किया है अगर हम इसे अपनाते हैं तो शुगर कैंसर हाइपरटेंशन जैसी बीमारी को अपने से दूर रख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ आदमी को हर रोज 6 मिलीग्राम से कम नमक खाना चाहिए एवं तनाव वाले जॉब अपने काम के प्रति असंतुष्ट लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी खतरनाक बीमारियों का शिकार बना रहा है। बिहार के भागलपुर में आयोजित क्लीनिकल को ऑडियो डायबिटिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के अधिवेशन में उन्होंने कहा कि सिर्फ मीठा खाने से डायबिटीज नहीं होता है बल्कि डायबिटीज होने के कई कारण है। इसका साफ मतलब है कि मधुमेह के रोगियों की संख्या देश के लिए खतरे की घंटी बजा रही है और और गांव से 5 गुना अधिक शहरों में मधुमेह के रोगी मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत में मधुमेह के रोगियों की संख्या चिंता का विषय है ऐसे में 40 वर्ष की उम्र पार करने के बाद हर व्यक्ति को अपनी नियमित चेकअप कराना चाहिए।
क्लीनिकल कार्डियो-डायबेटिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के बिहार चैप्टर के वार्षिक अधिवेशन का समापन हो गया। तमिलनाडु के वरीय फिजिशियन डॉ. आर राजशेखर ने कहा कि यूं तो डायबिटीज दुनिया भर में फैली है, मगर भारत इसका सबसे बड़ा गढ़ बनता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण हमारी तेजी से बदल रही जीवनशैली है।
उन्होंने कहा कि यह सोच गलत है कि डायबिटीज अधिक मीठा खाने से होती है। जीवन पर जैसे-जैसे यांत्रिकता का वर्चस्व बढ़ा है, शारीरिक मेहनत-मशक्कत घटी है। खानपान के स्वाद बदले हैं, जिस वजह से डायबिटीज रोगियों की संख्या बढ़ती गई है। गांववासियों की तुलना में शहरियों में डायबिटीज के पांच गुना अधिक होने के पीछे भी दोषयुक्त जीवनशैली ही कसूरवार है। डायबिटीज रोकथाम के जनअभियान में अगर हमें कामयाबी पानी है तो पहली शर्त हमें शुगर की बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करना होगा। शुगर की बीमारी का कारण आरामतलबी की जिंदगी, मोटापा, परिवार में माता-पिता, भाई-बहन को शुगर की बीमारी होना। साथ ही हाई ब्लडप्रेशर, एचडीएल कोलेस्ट्राल का 25 एमजी प्रति डेसीलीटर से नीचे व ट्राइग्लिसराइड का 250 से ऊपर जाना है। इसके अलावा अगर महिला कभी पीसीओडी की शिकार हो चुकी हो, गर्भावस्था में ब्लड शुगर बढ़ गया हो या फिर उसने नौ पौंड से अधिक वजनी बच्चे को जन्म दिया हो तो उसे भी शुगर हो सकता है।