दमोह (मप्र)। अस्पताल में अवैध कैथ लैब चलाने के आरोप में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यहां ‘फर्जी’ हृदय रोग विशेषज्ञ नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम ने मरीजों के ऑपरेशन किए, जिनमें से सात की मौत हो गई। पिछले सप्ताह मिशनरी अस्पताल दमोह की इस कैथ लैब को सील कर दिया था।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संदीप मिश्रा ने कहा कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऑनलाइन माध्यम से कैथ लैब का पंजीकरण कराने के लिए मिशन अस्पताल के निदेशक और प्रबंध समिति सहित नौ लोगों पर मामला दर्ज किया है। अस्पताल ने जबलपुर स्थित डॉ. अखिलेश दुबे के फर्जी हस्ताक्षर करके कैथ लैब के लिए पंजीकरण प्राप्त किया था।
मिश्रा ने बताया कि कैथ लैब में एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया के बाद इस अस्पताल में कुछ मरीजों की मौत हो गई थी। नौ आरोपियों की पहचान आशिम न्यूटन, फ्रैंक हैरिसन, इंदु लाल, जीवन मैसी, रोशन प्रसाद, कादिर यूसुफ, अजय लाल, संजीव लैम्बार्ड और विजय लैम्बार्ड के रूप में हुई है।

बताया गया है कि अजय लाल मिशन अस्पताल के निदेशक हैं। उन पर पंजीकरण तथा अनुज्ञापन अधिनियम, 1973 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। मिशनरी अस्पताल में सात मरीजों की मौत की जांच शुरू होने पर पुलिस ने प्रयागराज (उत्तरप्रदेश) से डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम को कथित जालसाजी और अन्य अपराधों के लिए गिरफ्तार किया था।