कोलकाता। डाक्टर्स की हड़ताल के समर्थन में गैर-इमरजेंसी और ओपीडी सेवाएं आज सोमवार और मंगलवार को बंद रहेंगी। यह फैसला फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने कोलकाता में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लिया है।
पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने इमरजेंसी और ओपीडी सेवाएं बंद रखने का ऐलान किया है। संगठन ने शनिवार को एसोसिएशन की बैठक में यह फैसला लिया था। एसोसिएशन ने देशभर के अस्पतालों में गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद रखने का ऐलान किया है। कई रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी हड़ताल का समर्थन किया। हालांकि, एसोसिएशन ने सभी से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि आपातकालीन सेवाएं चौबीसों घंटे चालू रहें।
गौरतलब है कि कोलकाता में पिछले 9 दिनों से सात डॉक्टर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। इनमें से तीन की तबीयत बिगडऩे के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि बैइक में गहन विचार-विमर्श के बाद हमने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि अब राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होने का समय आ गया है। हमने आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई। इस कारण हमें देशभर के सभी आरडीए और मेडिकल एसोसिएशन से अनुरोध करना पड़ा कि वे सोमवार से देशभर में ओपीडी सेवाएं बंद करने के हमारे आह्वान में हमारा साथ दें।
एसोसिएशन का कहना है कि कोलकाता के डॉक्टरों के समर्थन में 10 मांगों को पूरा करने की मांग की है। 14 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में भी मामले की सुनवाई होनी है। कोलकाता के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों ने 14-15 अक्टूबर को 48 घंटे के बंद का ऐलान किया है। वहीं, बंद के ऐलान को लेकर एसोसिएशन की ओर से एक खुला पत्र भी जारी किया गया है। यह पत्र राष्ट्रीय मेडिकल एसोसिएशन, राज्य रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन को लिखा गया है।