गुरुग्राम (हरियाणा)। कफ सिरप बेचने में लापरवाही बरतने पर चार फार्मासिस्ट को नोटिस उिए गए हैं। ड्रग कंट्रोलर विभाग बच्चों के कफ सिरप बेचने वालों पर शिकंजा कस रहा है। विभाग की टीम ने औचक निरीक्षण के दौरान पाया कि कुछ कफ सिरप की बोतलों पर किसी भी प्रकार की चेतावनी दर्ज नहीं थी। इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए चार मेडिकल स्टोर संचालक को नोटिस जारी किए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पहले एडवाइजरी जारी की थी।

दवाइयों पर आवश्यक चेतावनी और सुरक्षा संबंधी जानकारी लिखना अनिवार्य है। इससे उपभोक्ताओं को दवा के दुष्प्रभाव और सावधानियों की जानकारी मिलती है। नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कुछ दिन पहले भी ड्रग कंट्रोलर विभाग की टीम ने विभिन्न इलाकों में 31 मेडिकल स्टोरों पर छापा मारा था। कफ सिरप से 14 बच्चों की मौत के बाद विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में है। अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने हाल में सभी एलोपैथिक दवा निर्माताओं को रिस्की-सॉल्वैंट्स के उपयोग में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। इस दिशा में निरीक्षण अभियान शुरू किया है। इसके तहत अब तक निरीक्षण और विभिन्न जिलों से 54 नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। जिन निर्माताओं में खामियां मिली हैं, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं।
अब चार साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप की दवाएं देने से पहले सावधानी बरतनी होगी। विभाग ने कंपनियों को इस नियम का सख्ती से पालन करने और उपभोक्ताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।