बस्तर, जगदलपुर (छत्तीसगढ़)। प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान लापरवाही के चलते मरीज की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। श्री बालाजी केयर अस्पताल में मरीज को घुटने में अचानक दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डॉक्टरों ने उसकी किडनी में सूजन और पेट फूलने की बात कही लेकिन इलाज के बावजूद मरीज की मौत हो गई। इसके चलते मरीज के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। प्रशासन ने मामला संज्ञान में आने पर अस्पताल को सील कर दिया है।

यह है मामला

बीजापुर के माट्वाडा निवासी रामपाल यादव के घुटने में अचानक दर्द हुआ। इसका इलाज करवाने वह गदलपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल श्री बालाजी केयर पहुंचा। वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मरीज की किडनी में सूजन बताई और लगातार पेट फूलना भी बताया। भर्ती मरीज को हॉस्पिटल में उपचार से कोई भी राहत नहीं मिल पाई।

इसके अलावा, भर्ती मरीज को आईसीयू में भर्ती होने का हवाला देकर उनके परिजनों को मिलने तक नहीं दिया गया। परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन से गुहार लगाई कि अगर आप इलाज नहीं कर पा रहे है तो मरीज को रिलीव करें ताकि हम दूसरी जगह इलाज करवा सकें। लेकिन बालाजी केयर के डॉक्टर अपने तरीके से इलाज करते रहे और परिजनों से मोटी रकम वसूलते रहे।

आखिर, मरीज ने तड़पते हुए अपनी जान गंवा दी। परिजनों ने मृत्यु के बाद हॉस्पिटल के सामने जमकर हंगामा किया। इस घटना की जानकारी प्रशासन को दी गई और मौके पर पहुंचे सीएचएमओ, तहसीलदार और पुलिस के अमलो ने अपने स्तर पर जांच की।

हॉस्पिटल प्रबंधक ने मरीज की जान ऑब्स्ट्रक्शन की वजह से गई बताई लेकिन सोनोग्राफी एक्सरे की रिपोर्ट इस बीमारी से मैच नहीं हो रही थी। इसके बाद सीएचएमओ ने बॉडी को पोस्टमार्डम के लिए डिमरपाल मेडिकल कॉलेज भेजा है और जांच की रिपोर्ट अने तक श्री बालाजी केयर हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है।

मृतक के परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने पैर की समस्या को नजरअंदाज कर उन्हें गुमराह किया, जिसके कारण रामपाल यादव की जान गई। परिजनों ने बालाजी हॉस्पिटल प्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उचित मुआवजा मांगा है।