मुंबई। फार्मा कंपनी ल्यूपिन अब अपनी जेनेरिक दवाओं पर पूरा ध्यान देगी। अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए दवा विनिर्माता ल्यूपिन को अमेरिका और यूरोप में कॉम्प्लेक्स जेनेरिक पोर्टफोलियो से ज्यादा राजस्व हिस्सेदारी की उम्मीद है। कंपनी की अगले पांच वर्षों में 200 से अधिक दवाओं की योजना है। ल्यूपिन को उम्मीद है कि इससे कॉम्प्लेक्स जेनेरिक दवाओं से हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2026 के अनुमानित 21 फीसदी से बढक़र 2030 तक उसके कुल राजस्व का 62 फीसदी हो जाएगी।

कॉम्प्लेक्स जेनेरिक में इनहेलर, इंजेक्टेबल्स, ट्रांसडर्मल पैच, ऑप्थेल्मिक सॉल्यूशंस आदि जैसे दवा उत्पाद शामिल होते हैं। इनमें ज्यादा योगिक ऐक्टिव सामग्री होती है। जेनेरिक दवाइयां पेटेंट से बाहर हो चुकीं अनूठी दवाओं की कॉपी होती हैं। सिंपल यानी सामान्य जेनेरिक के मुकाबले कॉम्प्लेक्स जेनेरिक ज्यादा महंगी और अधिक लाभ वाली दवाएं होती हैं।
कंपनी को उम्मीद है कि उसका यूरोप में राजस्व हिस्सा 9 फीसदी से बढक़र वित्त वर्ष 30 तक 67 प्रतिशत हो जाएगा। फिलहाल वित्त वर्ष 2025 में अमेरिकी राजस्व करीब 92.5 करोड़ डॉलर है जो एक साल पहले के मुकाबले 13.5 प्रतिशत बढ़ा है।

ल्यूपिन ने वित्त वर्ष 2025 में यूरोपीय संघ से 195 अरब डॉलर का राजस्व कमाया था। वित्त वर्ष 2025 में ल्यूपिन का संयुक्त राजस्व 22,192 करोड़ रुपये था। कंपनी के प्रबंध निदेशक नीलेश गुप्ता ने कहा कि अमेरिका में कॉम्प्लेक्स जेनेरिक दवाइयों की वृद्धि के प्रमुख कारणों में 100 से अधिक उत्पादों की नई उत्पाद पाइपलाइन (एनपीएल) शामिल होगी। अमेरिका में कॉम्प्लेक्स जेनेरिक दवाइयों में जाने के अलावा अन्य प्रमुख अनिवार्यता हमारे अपने पोर्टफोलियो और विलय और अधिग्रहण के माध्यम से विशेष व्यवसाय का निर्माण करना होगा।

कंपनी दोनों अमेरिकी जेनेरिक कुल बाजारों में नुस्खों के हिसाब से तीसरी सबसे बड़ी दवा कंपनी है। गुप्ता ने कहा कि आगे चलकर हम इनहेलेशन उत्पादों के नेतृत्व में कनाडा में अपने कॉम्प्लेक्स जेनेरिक पोर्टफोलियो का विस्तार करने पर भी विचार कर रहे हैं। कंपनी कॉम्प्लेक्स जेनेरिक दवाइयों से राजस्व में समग्र वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रही है और उसके पास अगले पांच वर्षों में विकसित देशों में पेश किए जाने वाले 200 से अधिक उत्पाद हैं।