भोपाल (मप्र)। दवा कंपनियों को बेचने के लिए एम्स से प्लाज्मा चोरी होने का मामला सामने आया है। बागसेवनिया पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सभी मिलकर प्लाज्मा की अंतराज्यीय कालीाबाजारी कर रहे थे। प्लाज्मा को फार्मा कंपनियों को बेचने की तैयारी की जा रही थी। महाराष्ट्र में प्लाज्मा बेच भी दिया गया था। मामले का मुख्य आरोपी एम्स का ही आउटसोर्स कर्मचारी है।
यह है मामला
गिरोह ने 1150 यूनिट प्लाज्मा चोरी कर महाराष्ट्र के दो निजी लैब को बेचा है। 5800 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचा गया। प्लाज्मा का उपयोग कर बायो मेडिकल दवाएं बनाई जा रही थीं। मामले का खुलासा एडिशनल डीसीपी गौतम सोलंकी ने किया। 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर 1123 यूनिट प्लाज्मा बरामद किया है। इसकी कुल कीमत 11.72 लाख रुपए बताई है। पुलिस ने अंकित केलकर व एक अन्य को आरोपी बनाया।
आरोपी अंकित एम्स भोपाल की ब्लड बैंक का आउटसोर्स कर्मचारी था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया। चोरी हुए एफएफपी प्लाज्मा के संबध में पूछताछ की। आरोपी ने अपने पूर्व के साथी अमित जाटव एवं लक्की पाठक का शामिल होना बताया। आरोपी अंकित, अमित व लक्की पाठक एक दूसरे को लाईव सेवर ब्लड बैंक में काम के समय से परिचित थे। आरोपी अंकित की कंपनी का 30 सितंबर को एम्स में टेंडर खत्म हो रहा था। आरोपियों ने अंतिम समय में प्लाजमा चोरी की योजना बनाई।
उनका मानना था कि एम्स से बाहर निकलने के बाद मामला दब जाएगा। खुलासे के बाद पुलिस ने अमित एवं लक्की को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि प्लाज्मा लाईफ सेवर ब्लड बैंक के लकी व दीपक को दिया गया था। आरोपियों ने उक्त प्लाजमा को नासिक के बडग़ूजर एवं औरंगाबाद के करन चव्हाण को 5800 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचा था। पुलिस ने आरोपियों को दबोच लिया है।










