नई दिल्ली। खून और दवा चढ़ाने वाली ट्यूब से इंफेक्शन का खतरा सामने आया है। भारतीय अस्पतालों में जिस ट्यूब के जरिए खून और दवाएं चढ़ाई जाती हैं, उनसे संक्रमण हो सकता है। इस बात का एक अहम स्टडी में पताच ला है।

स्टडी ने सामने लाई अस्पतालों की लापरवाही

भारत में 54 निजी और सरकारी अस्पतालों और 200 आईसीयू में 7 साल तक एक स्टडी चली। सीवियर ब्लड स्ट्रीम इंफेक्शन के 8,600 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। ये दवाओं और फ्लूइड्स को पहुंचाने के लिए बड़ी नसों में डाली गई नलियों के मिसमैनेजमेंट से जुड़े हैं।

इन्हें सेंट्रल लाइन कहा जाता है। इससे नवजात बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होता है। सेंट्रल लाइन इंफेक्शंस वाले तकरीबन 40 फीसदी मरीज दो हफ्तों के भीतर मौत के शिकार हो जाते हैं। ये दर हर 1,000 में 8.83 सेंट्रल लाइन इंफेक्शन के इस्तेमाल पर होती है। लैंसेट में हाल ही में छपी इस स्टडी में 9,77,052 सेंट्रल लाइन-दिन दर्ज किए गए। ये आंकड़े अमेरिका में दर्ज आंकड़ों से कहीं ज्यादा हैं। जहां 2020 (कोविड ईयर) में भी ये दर प्रति 1,000 पर 0.87 थी।