नई दिल्ली। सीडीएससीओ की जांच में पांच दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अपने जोनल कार्यालयों और दिल्ली के राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण (एसएलए) से इन सैंपल को लिया था। अगस्त महीने के दौरान परीक्षण किए गए दवाओं के पांच सैंपल नकली मिले हैं।

जानकारी अनुसार इन दवाओं के निर्माताओं ने दवा नियामक को सूचित किया कि इन दवाओं के बैच का निर्माण उनके यहां नहीं किया गया और ये नकली दवाएं हैं।

इन दवाओं के लिए गए थे सैंपल

सीडीएससीओ द्वारा प्रकाशित सूची में तेलंगाना, सिक्किम और असम में सन फार्मास्यूटिकल्स और सन फार्मा प्रयोगशालाओं द्वारा निर्मित पुल्मोसिल (सिल्डेनाफिल इंजेक्शन), पैंटोसिड (पैंटोप्राजोल टैबलेट), और उर्सोकोल 300 (उर्सोडॉक्सिकोलिक एसिड टैबलेट) के सैंपल शामिल हैं।

वास्तविक निर्माता (लेबल दावे के अनुसार) ने सूचित किया है कि उत्पाद का विवादित बैच उनके द्वारा निर्मित नहीं किया गया है और यह नकली दवा है। चौथा उत्पाद टेल्मा एच (टेल्मिसर्टन 40 मिलीग्राम और हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड 12.5 ग्राम टैबलेट) है, जिसे हिमाचल प्रदेश के बद्दी में ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित बताया गया है। लेबल दावे के अनुसार वास्तविक निर्माता, ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स ने सूचित किया है कि उत्पाद का विवादित बैच उनके द्वारा निर्मित नहीं किया गया।

इसी तरह, दमन में मैकलेओड्स फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित लेबल वाली डेफकॉर्ट 6 टैबलेट (डिफ्लैजाकॉर्ट टैबलेट) के संबंध में भी किया गया था। नमूना दिल्ली के एसएलए द्वारा तैयार किया गया था।

गौरतलब है कि केंद्रीय दवा नियामक ने पिछले कुछ महीनों से मासिक नकली दवाओं की सूची प्रकाशित नहीं की है। मई में ड्रग रेगुलेटर ने उन दवाओं के नमूनों की सूची जारी की, जिनका अप्रैल महीने में राज्यों द्वारा विभिन्न प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया गया और उन्हें नकली दवा घोषित किया गया।