कोलकाता। क्यूआर कोड से संदिग्ध दवाओं की पहचान की जाएगी। इस संबंध में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने नोटिस भी जारी किया है। नोटिस में बताया गया है कि क्यूआर कोड को स्कैन करने से 300 संदिग्ध दवाओं की जानकारी मिल सकती है। क्यूआर कोड को स्कैन कर ही लोग समझ पायेंगे कि उन्होंने जो दवाएं खरीदी हैं, वे नकली हैं या असली।
गौरतलब है कि हुगली, बर्दवान और कोलकाता सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में संदिग्ध दवाइयां मिलने से स्वास्थ्य विभाग चौकस हुआ है। बता दें कि अब तक 300 दवाओं की पहचान नकली दवाओं के रूप में की गयी है। इसमें रक्तचाप की दवा (टेल्मा एएम), मधुमेह की दवा, इन्हेलर और इंजेक्शन सहित व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाली कई नामी ब्रैंड की दवाएं शामिल हैं।
केंद्रीय ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को एक क्यूआर कोड भेजा है। निर्देश जारी किये हैं कि जब कोई दवा विक्रेता दवा की दुकान पर जाये तो वे दवाओं के विवरण की जांच करे। क्यूआर कोड स्कैन का उपयोग स्कैन में पहचानी गई 300 नकली दवाओं की तुलना करने के लिए किया जा सकता है। दुकानदारों को भी निर्देश दिया गया है कि वे भी ग्राहकों को जागरूक करें।