आगरा (उप्र)। नकली दवा के रैकेट का भंडाफोड़ कर तीन व्यापारी अरेस्ट किए हैं। औषधि विभाग ने आठ फर्मों की 71 करोड़ की दवाएं सीज की हैं। पुडुचेरी और चेन्नई में नकली दवाओं की फैक्ट्रियां चल रही थीं। यहां से माल ट्रेन द्वारा आगरा लाया जा रहा था।

यह है मामला

पुुडुचेरी-चेन्नई में नकली दवाएं बनाकर चार राज्यों में खपाया जा रहा था। ऐसी आठ फर्मों की करीब 71 करोड़ की दवाएं सीज की हैं। जांच के लिए दवाओं के 24 सैंपल भी लिए हैं। जांच पूरी होने के बाद इन फर्मों के लाइसेंस कैंसिल किए जाएंगे। इस गिरोह में 40 दवा विक्रेताओं के शामिल होने के सुराग मिले हैं। साथ ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके यहां से दो कार्टन में नकली दवाएं, लैपटॉप, बिल बरामद किए गए हैं।

एडिशनल कमिश्नर रेखा एस. चौहान ने बताया कि चेन्नई, पुडुचेरी में नकली दवा फैक्टरी का पता चला है। वहां की सरकार कार्रवाई कर रही है। आगरा से भी अधिकारी जांच करने जाएंगे। दवा माफिया आठ फर्म के नाम पर प्रदेश में दवाएं मंगवाते थे।

इनको ट्रेन के जरिये आगरा में ही उतारकर अवैध भंडारण किया जा रहा था। यहां से डमी फर्मों के जरिये अन्य राज्यों में  कारोबार किया जा रहा था। बंसल मेडिकल एजेंसी के संचालक संजय बंसल, उसके भाई मुकेश और भतीजे सोहित को गिरफ्तार कर लिया। नामनेर निवासी संजय की बंसल मेडिकल एजेंसी नाम से दुकान और गोदाम है। एजेंसी पर पुडुचेरी की श्री अमान फार्मा और मीनाक्षी फार्मा से दवाइयों की सप्लाई होती है।

बंसल मेडिकल से मिली दवाओं के सैंपल और बिल को सनोफी कंपनी को भेजा था। उन्होंने फर्म पर अपनी कंपनी की दवाओं की सप्लाई नहीं करने की बात कही। जांच में नकली दवाओं की पुष्टि हुई है। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि केस एसआईटी को ट्रांसफर किया जाएगा।