पुणे। तीन दवा कंपनियों पर नियमों की अनदेखी करने के चलते एफडीए ने कार्रवाई की है।

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए), पुणे डिवीजन ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के उल्लंघन के लिए तीन दवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

अधिकारियों ने बताया कि डीएमआर अधिनियम के अनुसार, अनुसूची के अंतर्गत आने वाली 54 बीमारियों और विकारों के लिए दवाओं के विज्ञापन प्रतिबंधित हैं। अनुसूची स्पष्ट रूप से कंपनियों को इलाज को बढ़ावा देने या बीमारियों और विकारों से संबंधित दावे करने से रोकती है। बताया गया कि ये कंपनियां मधुमेह, गठिया और गुर्दे की बीमारियों को ठीक करने का दावा करने वाली दवाएं बेचती पाई गईं।

एफडीए ने अमृत नोनी डी प्लस के लेबल पर आपत्तिजनक दावा करने के लिए न्यू मारुति आयुर्वेद, चिंचवाड़ से ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) के तहत 36,500 मूल्य की आयुर्वेदिक दवा जब्त की है। वहीं, लेबल पर गठिया के इलाज के बारे में आपत्तिजनक दावा करने के लिए सदाशिव पेठ स्थित अमित मेडिको से 5,027 रुपये मूल्य की आयुर्वेदिक दवा ऑर्थोजॉइंट ऑयल जब्त किया है।

इसके अलावा, लेबल पर गुर्दे की पथरी के इलाज के बारे में आपत्तिजनक दावा करने के लिए पुणे के महालक्ष्मी आयुर्वेदिक से 5,000 रुपये की आयुर्वेदिक दवा के 16 पाउच जब्त किए गए। एफडीए (ड्रग) के संयुक्त आयुक्त गिरीश हुकरे ने कहा कि मधुमेह की दवाओं के एक मामले में मामला दर्ज किया है।