मुंबई। जेबी केमिकल्स का टोरंट फार्मास्यूटिकल्स अधिग्रहण करने जा रही है। वह जेबी केमिकल्स में प्रमुख हिस्सेदारी खरीदेगी और 19,500 करोड़ का सौदा कर देश की दूसरी सबसे बड़ी दवा कंपनी बन जाएगी। इसके बाद, टोरेंट फार्मा लिस्टिंग खुले बाजार से 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की खुली पेशकश करेगा। इसके लिए प्रति शेयर कीमत 1,639.18 रुपये तय की गई है, जिसकी कुल कीमत करीब 6,842.8 करोड़ रुपये होगी।
यह है मामला
टोरेंट फार्मा अब जेबी केमिकल्स कंपनी की करीब 46.39 फीसदी हिस्सेदारी उसके प्रमोटर ग्रुप से खरीदेगा। यह सौदा लगभग 11,917 करोड़ रुपये में होगा। टाऊ इंवेस्टमेंट होल्डिंग्स नाम की यह कंपनी एक अंतरराष्ट्रीय निवेश फर्म से जुड़ी हुई है। टोरेंट फार्मा, जेबी केमिकल्स के कुछ कर्मचारियों से भी 2.80 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा। इसके लिए हर शेयर की कीमत 1,600 रुपये तय की गई है।
इस सौदे की कुल कीमत लगभग 719 करोड़ रुपये होगी। यह दवा क्षेत्र (फार्मा सेक्टर) में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा सौदा होगा। इससे पहले 2015 में सन फार्मा ने रैनबैक्सी लैब्स को खरीदा था, जो अब तक का सबसे बड़ा सौदा रहा है।
टोरंट ने जेबी केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल्स में नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदने के लिए केकेआर के साथ पक्का सौदा कर लिया है। यह सौदा 25,689 करोड़ रुपये के इक्विटी वैल्यूएशन पर हुआ है। इसके बाद दोनों कंपनियों का आपस में विलय (मर्जर) किया जाएगा।
शेयर खरीद के बाद जेबी फार्मा का टोरंट में विलय कर दिया जाएगा। यानी जिन निवेशकों के पास जेबी फार्मा के 100 शेयर होंगे, उन्हें बदले में टोरंट के 51 शेयर मिलेंगे। रणनीतिक रूप से यह सौदा टोरंट को जेबी फार्मा के मजबूत क्रॉनिक सेगमेंट ब्रांड्स तक पहुंच देगी। वहीं नेत्र रोग (ऑफ्थेल्मोलॉजी) जैसे नए उपचार के क्षेत्रों में विस्तार का मौका मिलेगा।