नई दिल्ली। ट्रामाडोल कैप्सूल व सिरप के तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। क्राइम ब्रांच ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस क्षेत्र में नशीली दवा तस्करी में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

यह है मामला

एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस क्षेत्र में दबिश दी और नशीली दवा तस्करी करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों की तलाशी में 2360 ट्रामाडोल कैप्सूल व 135 कोडीन-आधारित सिरप की बोतल भी बरामद की।

सभी आरोपितों पर एनडीपीएस एक्ट की धारा 22(बी)/29 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश किया और जेल भेज दिया गया है। पुलिस को संदेह है कि विवि के कुछ छात्र भी आरोपितों से जुड़े हो सकते हैं, जिसकी जांच की जा रही है। गुप्त सूचना मिलने पर पुलिस ने जाल बिछाकर श्रीराम इंस्टीट्यूट के पास ट्रामाडोल कैप्सूल और कोडीन सिरप की डिलीवरी करने आए मनीष भटले को हिरासत में ले लिया। उसकी तलाशी ली तो 2360 ट्रामाडोल कैप्सूल (118 ग्राम) और 135 बोतल (100 मिली) कोडीन सिरप (24 ग्राम कोडीन) बरामद हुईं। इन दवाओं से संबंधित बिल या चिकित्सक पर्ची मांगने पर आरोपी इसे नहीं दिखा सका। इसके चलते आरोपी मनीष को गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में मनीष ने बताया कि उसने यह दवा अपने मामा देवेंद्र (57) की दुकान अभिषेक मेडिकोज से ली थीं। पुलिस ने देवेंद्र को हिरासत में लेकर उनकी दुकान व गोदाम की तलाशी ली पर और बरामदगी नहीं हुई। पूछताछ में देवेंद्र ने बताया कि वह ट्रामाडोल निखिल उर्फ गुन्नू (28) और जेपी (बुराड़ी) से, जबकि कोडीन सिरप सुरेंद्र (मल्कागंज) से लेता था।

पुलिस ने इन तीनों को पकडऩे के लिए जाल बिछाया। आरोपी जेपी और सुरेंद्र नहीं मिले और उनके फोन भी बंद मिले, जबकि पुलिस निखिल को पकडऩे में सफल रही। निखिल ने बताया कि उसने ट्रामाडोल रवि मेडिकेयर के मालिक अंकित गुप्ता (40) से खरीदी थी।

पुलिस ने अंकित को हिरासत में लेकर उसके गोदाम की तलाशी ली तो बिना बिल की 15 बोतल डायलेक्स-डीसी कोडीन सिरप बरामद हुईं। पूछताछ में अंकित ने निखिल को ट्रामाडोल की आपूर्ति किए जाने की बात को स्वीकार किया है। जांच में एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव कपिल (28) की संलिप्तता मिली है, जिससे अंकित को छह पैकेट ट्रामाडोल और कोडीन सिरप मिले थे। पुलिस ने कपिल को भी पकड़ लिया। कपिल ने बताया कि उसने ये दवा राकेश (उद्योग नगर) से ली थीं। राकेश अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है।

मुख्य आरोपित मनीष भटले 12वीं पास है। पहले फार्मा कंपनी में काम करता था, कोविड में नौकरी छूटी तो मामा की दवा दुकान पर काम करने लगा। यहीं से नशे के लिए दवा तस्करी में शामिल हुआ। दूसरा आरोपित निखिल जो स्वयं ट्रामाडोल का आदी है, वह इन दवा की सप्लाई का जिम्मा संभालता था।