धोलपुर, सरमथुरा(राजस्थान) । अस्पताल में मोबाइल फोन की रोशनी में इलाज का मामला प्रकाश में आया है। यह लापरवाही अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दिखाई दी। यहां पर मोबाइल फ्लैश की रोशनी में घायलों का इलाज चल रहा था। बिजली कटने पर अस्पताल में न तो इनवर्टर की व्यवस्था थी और न ही जनरेटर सही था। अस्पताल में इस तरह की लापरवाही चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।

गौरतलब है कि कस्बे का सामुदायिक अस्पताल बदहाली के आंसू बहा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से अस्पताल की व्यवस्थाएं वेंटिलेटर पर पहुंच गई हैं। अस्पताल में बैटरी की मियाद पूरी होने के बावजूद इन्हें बदला नहीं गया है। अस्पताल में एक जनरेटर खराब अवस्था में पड़ा है, वही दूसरा जनरेटर ऑक्सीजन प्लांट की जरूरत पर ही चलाया जाता है।

बिजली गुल होने पर अस्पताल में प्रकाश की व्यवस्था का कोई प्रबंध नही हैं। अस्पताल की इमरजेंसी तक में भी प्रकाश की कोई व्यवस्था नही हैं। इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी अंधेरे में मोबाइल का फ्लैश जलाकर घायलों का उपचार करने के लिए मजबूर हैं। कई बार स्वास्थ्य कर्मी घायल को टॉर्च की रोशनी में इंजेक्शन लगाते हुए देखे गए हैं। उधर, इस बारे में संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि बजट में कमी के चलते यह असुविधाएं हो रही हैं। उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया।