मुंबई। दवा आयात पर 200 फीसदी टैरिफ लग सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके संकेत दिए हैं। ट्रंप  इंपोर्टेड दवाओं पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने की तैयारी में है। ड्यूटी फ्री आने वाली दवाइयों पर रोक लग जाएगी। इससे दवा कंपनियों को तगड़ा झटका लग सकता है। इससे भारतीय कंपनियों को भी नुकसान होने की आशंका है। अमेरिका में दवाई का लगभग आधा हिस्सा भारत से जाता है।

इस प्रस्ताव के लागू होने पर लागू ड्यूटी फ्री दवाइयों की नीति प्रभावित हो सकती है। ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर इस कदम को जायज ठहराया है। उनका तर्क है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दवाओं की कमी और स्टॉकपाइलिंग की समस्या के बाद घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना जरूरी है। अप्रैल 2025 में प्रशासन ने दवा आयात पर जांच शुरू की और जुलाई में ट्रंप ने 200 फीसदी टैरिफ की चेतावनी दी थी। अगस्त में उन्होंने इसे 250 फीसदी तक बढ़ाने की बात कही थी।

ये दवाएं सबसे ज्यादा खतरे में

अमेरिका में जेनेरिक दवाओं का बोलबाला है। यह फार्मेसी प्रिस्क्रिप्शन का 92 फीसदी हिस्सा बनाती हैं। इनके मैन्युफैक्चरर कम मार्जिन पर काम करते हैं। बड़े टैरिफ को झेलना उनके लिए मुश्किल होगा। कुछ कंपनियां टैरिफ चुकाने के बजाय अमेरिकी बाजार छोड़ सकती हैं। भारत ऐसी दवाइयों का लगभग आधा हिस्सा सप्लाई करता है।

इन कंपनियों को होगा नुकसान

ट्रंप टैरिफ लगाने से चुनिंदा भारतीय कंपनियों को तगड़ा नुकसान होगा। इनमें अरबिंदो फार्मा से लेकर सन फार्मा जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। सन फार्मा का 2023-24 में अमेरिकी बाजार से 32 फीसदी राजस्व योगदान रहा। डॉ. रेड्डीज के लिए भी अमेरिका एक महत्वपूर्ण बाजार रहा। जहां से इसके जेनेरिक्स बिजनेस का 47 फीसदी राजस्व प्राप्त हुआ।