चेन्नै। नशीली दवा के बजाय पैरासिटामोल मिलने पर गिरफ्तार दो भाई बरी कर दिए गए हैं। दोनों को चेन्नै पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार किया था। कोर्ट में मामला खुलने पर सच्चाई कुछ और ही निकली। पुलिस द्वारा जब्त किए गए पैकेट में नशीली दवाएं नहीं, बल्कि पैरासिटामोल की दवाइयां निकली। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में दोनों भाइयों को बरी कर दिया।
यह है मामला
चेन्नै पुलिस ने इलवरसन और थेन्नारासु नाम के दो भाइयों को आरके नगर आईओसी बस स्टैंड से गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना था कि उनके पास से 1200 नाइट्रवेट टैबलेट बरामद हुई थीं। इस टैबलेट का इस्तेमाल अक्सर लोग नशा करने के लिए करते हैं। वे इसे पीस कर दूसरे पदार्थों के साथ मिलाकर लेते हैं।
जब्त किए गए सामान को तीन महीने से ज्यादा समय तक पुलिस हिरासत में रखा गया। यह एनडीपीएस एक्ट के नियमों का उल्लंघन था। जब कोर्ट ने 2 सितंबर को पैकेट खोलने का आदेश दिया, तो सब हैरान रह गए। पैकेट में पैरासिटामोल की गोलियां निकलीं। उन पर सरकारी फार्मेसी की मुहर भी लगी थी। सब-इंस्पेक्टर कन्नन ने कोर्ट में माना कि उन्होंने सीलबंद स्ट्रिप्स की जांच नहीं की थी।
उन्हें यह भी नहीं पता था कि अंदर क्या है। जिस गुप्त सूचना पर गिरफ्तारी हुई, उस पर इंस्पेक्टर रवि के हस्ताक्षर भी नहीं थे। यह भी नियमों के खिलाफ था। जज गोविंदराजन ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों का दोष साबित करने में विफल रहा है। उन्होंने दोनों आरोपियों को बरी कर दिया।