भरतपुर। झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से जिले के डीग में एक मरीज की मौत हो गई। मामला सामने आने पर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों में हडकंप मच गया। विभाग की टीम ने तुरंत झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर छापा मारा और आरोपी फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि यह अवैध क्लीनिक पुलिस थाने के पास ही संचालित किया जा रहा था।
यह है मामला
कामां थाना इलाके में एक व्यक्ति की मौत के बाद चिकित्सा विभाग जागा। विभाग ने अवैध क्लीनिकों पर कार्रवाई की। कामां थाने के बगल में ही चल रहे संजीवनी क्लिनिक पर चिकित्सा विभाग की टीम पहुंची। वहां क्लिनिक चला रहे व्यक्ति से दस्तावेज मांगे तो उसके पास चिकित्सा संबंधी कोई प्रमाण नहीं मिले। इसके बाद झोलाछाप डॉक्टर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया। चिकित्सा विभाग की टीम ने इस अवैध संजीवनी क्लीनिक को सील कर दिया। मौके से दवाइयां और उपकरणों को भी जब्त कर लिया है।
गलत इंजेक्शन देने से हुई मरीज की मौत
बता दें कि झोलाछाप डॉक्टर सतीश द्वारा इंजेक्शन लगाने के बाद एक मरीज की मौत हो गई। उसके परिजनों ने अस्पताल के बाहर बवाल कर डाला। मामला सामने आने पर चिकित्सा विभाग एक्शन में आया। खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी केडी शर्मा के निर्देश पर झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक पर कार्रवाई की गई।
केडी शर्मा ने कामां थाने में शिकायत देते हुए बताया कि गलत इंजेक्शन देने से व्यक्ति की मौत के बाद उच्च अधिकारियों से निर्देश के बाद एक चिकित्सा विभाग की टीम का गठन किया गया। एक नर्सिंग स्टाफ की महिला को बोगस ग्राहक बनाकर संजीवनी क्लिनिक पर भेजा गया।
अवैध क्लिनिक को किया सील
क्लिनिक पर एक व्यक्ति मिला जिसने महिला कर्मचारी को अपना नाम सतीश बताया। सतीश ने अपने आप को डॉक्टर बताया। उसने महिला कर्मचारी की जांच की। तभी वहां चिकित्सा विभाग की टीम पुलिस के साथ पहुंची। टीम ने सतीश नाम के व्यक्ति से उसके डॉक्टर होने के कागज मांगे लेकिन उसके पास कोई कागजात नहीं मिले। टीम ने क्लीनिक से दवा, सर्जरी उपकरण सहित सभी सामान को जब्त किया गया। क्लीनिक को सील कर दिया गया है। वहीं, आरोपी झोलाछाप डाक्टर सतीश को पुलिस के हवाले कर दिया गया।