गुरूग्राम। हरियाणा के गुरूग्राम से दवा कारोबारियों के लिए जरूर खबर आई है। कहने के लिए ये एक मामले को लेकर फैसला है लेकिन आने वाले वक्त में ये एक नजीर पेश कर सकता है। गुरूग्राम के सीजेएम कोर्ट ने ड्रग एक्ट का उल्लंघन करने पर एक स्टेरॉइड विक्रेता को 3 साल की सजा और 1 लाख जुर्माना सहित सेक्शन 28 के उल्लंघन में 1 साल की अतिरिक्त सजा सुनाई है।

इस सजा के बाद दवा कारोबार में काम करने वाले और इस मामले से जुड़े हुए काम करने वालों के लिए ये सजा नजीर है कि ड्रग एक्ट का उल्लंघन करना कितना भारी पड़ सकता है। दौलताबाद स्थित प्रीसेज प्रॉडक्ट के मालिक दीपक सिंह दहिया को ये सजा सुनाई गई है। बताया गया है कि ड्रग एक्ट का उल्लंघन और लाइसेंस न होने की यह शहर में सबसे बड़ी सजा है।

डिस्ट्रिक्ट ड्रग कंट्रोलर दीपक गाहल्याण ने कहा है कि साल 2010 में तत्कालीन स्टेट असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर एनके आहूजा और डीएसओ फरीदाबाद सुरेश चौधरी ने गांव दौलताबाद स्थित प्रीसेज प्रॉडक्ट से फूड सप्लीमेंट का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा। अधिकारियों ने गुप्त सूचना के आधार पर कंपनी में रेड डाली और किड्स ग्रोथ फॉर्म्यूला, न्यूट्रामेन प्योर प्रोटीन और न्यूट्रामेन हेल्दी वेट गेनर नामक तीन फूड प्रॉडक्ट के सैंपल लेकर गर्वनमेंट एनालिस्ट हरियाणा लैब में भेजा था। अक्टूबर 2011 में इसकी रिपोर्ट आई की इन सभी फूड सैंपल में स्टेरॉइड की मात्रा मौजूद थी।

साल 2013 में तत्कालीन डीएसओ पूजा चौधरी ने इसके लिए कोर्ट की शरण ली। इस सप्ताह में सीजेएम अभिषेक फुटेला की कोर्ट ने दीपक सिंह दहिया को बिना लाइसेंस के फूड सप्लीमेंट बनाने और प्रतिबंधित स्टेरॉइड रखने के लिए सेक्शन 27(बी)(2) के उल्लंघन में 3 साल की सजा ,1 लाख रुपये जुर्माना और सेक्शन 28 का उल्लंघन में 1 साल की अतिरिक्त सजा का फैसला सुनाया। जानकार बताते है कि ड्रग एक्ट उल्लंघन करने पर इस तरह की सजा आने वाले वक्त में बाकी लोगों के लिए उदाहरण होगी कि सभी को ड्रग एक्ट का उल्लंघन नहीं करना है।