नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बनाया है जोदिमाग की गंभीर बीमारियों को आसानी से पकड़ सकता है। यह दिमाग के सीटी स्केन में बीमारियों को मात्र 1.2 सेकंड्स में पहचान लेगा। खास बात यह है कि यह तकनीक स्ट्रोक और हेमरेज जैसी गंभीर बीमारियों को पहचान लेगा। नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में सामने आया कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सिस्टम ह्यूमन डायग्नोसिस से ज़्यादा तेज़ था। यानी नसों की जिन गंभीर बीमारियों को पहचानने में कुशल से कुशल डॉक्टर भी गच्चा खा जाते हैं, उन्हें इस मशीनी बुद्धि ने आसानी से डिटेक्ट कर लिया।
अमेरिका के आईकैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में कार्यरत एरिक ओरमन ने कहा कि मात्र 1.2 सेकंड्स में ही यह सिस्टम किसी गंभीर बीमारी या संकेत को लेकर फिजिशयंस को अलर्ट कर सकता है। आमतौर इन बीमारियों को पहचानने में काफी समय लग जाता है। गौरतलब है कि यह पहली स्टडी है, जिसमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कई गंभीर न्यूरॉलोजिकल बीमारियों को डिटेक्ट करने के लिए किया गया है। इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने करीब 37,236 दिमागों के सीटी स्केन्स को स्टडी किया ताकि एक न्यरल नेटवर्क को गंभीर बीमारियों और संकेतों को डिटेक्ट करने के लिए ट्रेन किया जा सके। इस तकनीक का परीक्षण यह जांच करने के लिए भी किया गया कि कुशल डॉक्टरों और फिजिशियंस के अलावा यह नसों से जुड़ी किसी भी बीमारी को डिटेक्ट करने में कितना टाइम लेता है।