तेलंगाना। अल्प्राजोलम दवा बनाने वाली अवैध फैक्टरी को सील कर दो आरोपी अरेस्ट किए गए हैं। मौके से कच्चा माल भी बरामद किया गया है।

यह है मामला

तेलंगाना एंटी-नारकोटिक्स ब्यूरो (टीजीएनएबी) के अधिकारियों ने दबिश देकर गोसुकोंडा अंजी रेड्डी (41 वर्षीय) और रियाल्टार क्यासाराम राकेश (36 वर्षीय) को संगारेड्डी में उनके परिसर में प्रतिबंधित दवा पदार्थ बनाने की फैक्टरी के संचालन के आरोप में गिरफ्तार किया है।

फैक्ट्री से कच्चा माल किया बरामद

टीम ने मौके से दवा विनिर्माण प्रयोगशाला और इस्तेमाल किए गए उपकरणों के साथ 2.6 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किया। लगभग 20 किलोग्राम चरण-1 मध्यवर्ती उत्पाद, 10 किलोग्राम चरण-2 मध्यवर्ती उत्पाद, 350 लीटर मिश्रित घोल, 35 किलोग्राम हेक्सामेथाइल एंटीहिस्टामाइन, 16 लीटर एसिटिक एसिड, एक बैरल अमोनियम कार्बोनेट और 90 किलोग्राम फॉस्फोरस पेंटा सल्फाइड भी जब्त कर लिए।

अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी प्रभाकर गौड़ और साई कुमार सहित दवाओं के एक नेटवर्क के सपलायर थे। उन पर पहले पेय में मिलावट के लिए अवैध रूप से अल्प्राजोलम बनाने और ताड़ी विक्रेताओं को बेचने के लिए नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अवैध रूप से अल्प्राजोलम का निर्माण

साई कुमार गौड़ और के. राकेश ने पहले विभिन्न फार्मा प्रयोगशालाओं में काम किया और अल्प्राजोलम के रसायनों और विनिर्माण प्रक्रिया का ज्ञान प्राप्त किया। अधिकारियों ने बताया कि मिलावटी ताड़ी की मांग के कारण, उन्होंने अवैध रूप से अल्प्राजोलम का निर्माण शुरू कर दिया।

एक साल में अल्प्राजोलम बनाने वाली पांच फैक्टरी पकड़ी

बता दें कि पिछले एक साल में अल्प्राजोलम बनाने वाली पांच फैक्टरी पकड़ी गई हैं। इनमें नगरकुर्नूल डीआरआई, जिन्नाराम, चेरलापल्ली, विजयवाड़ा और फिसलवाड़ी शामिल हैं। इन दवा की सप्लाई पुणे, इंदौर, रतलाम और दिल्ली से भी की जा रही है। एनडीपीएस अधिनियम-1985 की धारा 8(सी) आर/डब्ल्यू 21(सी), 22(सी), 29 के तहत मामला दर्ज किया गया है।