कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही नकली सैनिटाइजर का कारोबार भी होने लगा है। एत्माद्दौला के कटरा वजीर खां में नकली सैनिटाइजर बनाने की फैक्टरी संचालित हो रही थी। सोमवार को पुलिस ने फैक्टरी पर छापा मारा। यहां नकली सैनिटाइजर के साथ ही हैंड वाश, टायलेट-फ्लोर क्लीनर भी बन रहा था। पुलिस ने 2500 लीटर नकली सैनिटाइजर सहित अन्य सामान बरामद किया। पुलिस ने फैक्टरी के दो मालिकों को भी पकड़ा है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की।
एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में सैनिटाइजर और हैंडवाश की मांग बढ़ गई है। इसका फायदा उठाने में भी कुछ लोग जुटे हैं। औषधि विभाग से लाइसेंस तक नहीं लिया जा रहा है।
एसएसपी ने बताया कि कालाबाजारी और अन्य समस्याओं की जानकारी देने के लिए एक नंबर जारी किया था। इस पर नंबर पर ही पुलिस को कटरा वजीर खां में नकली सैनिटाइजर और हैंड वाश बनाने की शिकायत मिली थी। इस पर सोमवार को पुलिस ने कार्रवाई की। थाना पुलिस, स्वाट टीम और सर्विलांस टीम को फैक्टरी संचालित होते हुए मिल गई। बाद में औषधि विभाग की टीम भी पहुंच गई।
कर्मचारी कर रहे थे काम
एसपी सिटी ने बताया कि फैक्टरी में ड्रमों में नकली सैनिटाइजर के साथ ही केमिकल भरा हुआ था। एक मशीन से इसे छोटी बोतलों में भरा जा रहा था। कर्मचारी इस काम में लगे थे। सैनिटाइजर के अलावा हैंड वाश, टायलेट-फ्लोर क्लीनर भी बन रहा था। पूछताछ में पता चला कि फैक्टरी कमला नगर के कर्मयोगी एन्क्लेव निवासी नीलेश जैन और मीनाक्षी पुरम निवासी राजकुमार जैन संचालित कर रहे हैं। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की गई।
दिल्ली से खरीदकर लाते हैं केमिकल
एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि आरोपी दिल्ली से आइसो प्रोपाइल अल्कोहल 80-85 रुपये प्रति लीटर में खरीदकर लाते हैं। यह चार-पांच विक्रेताओं के पास ही मिलता है। इसमें पानी मिलाकर सैनिटाइजर तैयार करते हैं। इसमें ग्लिसरीन, बैंजो क्लोराइड, फ्रिगनेंट और कलर भी मिलाया जाता है। एक लीटर आइसो प्रोपाइल अल्कोहल से पांच-छह लीटर सैनिटाइजर तैयार किया जा रहा था।
पांच लीटर की एक एक कट्टी को 400 रुपये तक में बेच रहे थे। छोटी बोतलें भी तैयार की जा रही थीं। सैनिटाइजर और हैंडवाश बनाने के लिए आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी के यहां से लाइसेंस लेना आवश्यक होता है, जबकि फैक्टरी संचालकों ने कोई लाइसेंस नहीं लिया था। इस सैनिटाइजर को चेक करने की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। इसका लोगों की त्वचा पर असर पड़ सकता था।
कंप्यूटर की फर्म के नाम पर पर खरीदते थे केेमिकल
पुलिस की पड़ताल में पता चला कि आरोपी नीलेश की संजय प्लेस में पैराडाइज टेक्नो शॉप के नाम से कंप्यूटर की दुकान है। इसका जीएसटी में पंजीकरण भी है। आरोपी इसी फर्म के नाम पर दिल्ली से केमिकल खरीदकर लाते थे। केमिकल की बिक्री भी पैराडाइज के नाम से ही कर रहे थे।
ये हुई बरामदगी
पुलिस ने फैक्टरी से नकली सैनिटाइजर 2500 लीटर, टायलेट क्लीनर (500-500 एमएल के 200 पीस), हैंड वॉश (500 एमएल के 300 पीस), डिस वाश (500 एमएल के 500 पीस), ग्लास क्लीनर (500 एमएल के 250 पीस), फ्लोर क्लीनर (500 एमएल के 500 पीस) बरामद किया है।