सारण। वायरल और डेंगू के मामले दिन प्रति दिन बढ़ते ही जा रहें है तो वहीं ऐसे में लोगों को दवा की सख्त जरूरत होती है लेकिन मढ़ौरा में एक माह से बुखार तक की दवा नहीं है। जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि स्थानीय रेफरल अस्पताल में पिछले एक माह से जीवन रक्षक दवाओं की कमी है। आलम यह है कि बुखार में इस्तेमाल की जाने वाली पारासिटामोल तक समाप्त है। इसलिए लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कफ सिरप के अलावे अन्य बी कंप्लेक्स की दवाएं भी नहीं है।
रेफरल अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक सुशील कुमार गौतम ने बताया कि पारासिटामोल करीब एक माह से उपलब्ध नहीं है। सदर अस्पताल के द्वारा अभी तक मुहैया नहीं कराया गया है। वहीं गैस की दवा के बारे में जिला मुख्यालय को सूचित किया गया है। अन्य सभी तरह की जरुरी दवाएं अस्पताल में उपलब्ध है। बाहर से खरीदने की सलाह स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा दिया जा रहा है। स्थानीय रेफरल अस्पताल में प्रतिदिन ग्रामीणों क्षेत्रों से सैकड़ों रोगी सर्दी, खांसी, बुखार व बदन दर्द की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं परंतु पारासिटामोल दवा के अलावे पूर्व से ही कफ सिरप आदि दवा भी अनुपलब्ध है।
इससे रोगियों को परेशानियां हो रही है। वहीं गैस की दवा हवा लगने की वजह से खराब हो गयी है। बदलते हुए मौसम की वजह से दर्जनों रोगी प्रतिदिन रेफरल अस्पताल पहुंच रहे हैं। रोगी ओपीडी में चिकित्सक से समस्या बताने के बाद दवाओं की पर्ची लेकर जब वह दवा वितरण काउंटर पर पहुंच रहे हैं, तो पारासिटामोल अनुपलब्ध बताई जा रही है। शुक्रवार को रेफरल अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे राजेश कुमार, शांति देवी के अलावे अन्य रोगियों ने बताया कि सरकारी अस्पताल में पारासिटामोल जैसी दवा नहीं रहने की वजह से बाहर दुकान से दवा खरीदनी पड़ रही है।