कैमूर (बिहार)। स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया ने नई पहल की है। इसके लिए ई-औषधि के तहत ऑनलाइन दवाओं एवं उपकरणों की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। साथ में स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध दवाओं एवं उपकरणों की इसके माध्यम से निगरानी भी की जा रही है। गौरतलब है कि जिले की बड़ी आबादी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्भर है। ऐसी स्थिति में सरकार की लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है। इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं एवं जरूरी चिकित्सकीय उपकरणों की निगरानी एवं इसकी समय से उपलब्धता बेहद जरूरी है। इसको ध्यान में रखते हुए ही यह पहल की गई है।
सिविल सर्जन डा. अरुण कुमार तिवारी ने बताया है कि औषधियों एवं उपकरणों की ऑनलाइन विवरण के साथ इसका विवरण रजिस्टर में भी भरने की सलाह दी गई है। इसके लिए कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने राज्य के पांच जिलों को अस्पतालों में औषधियों व चिकित्सकीय सामग्रियों के समुचित इन्वेंटरी प्रबंधन के लिए प्रिटेड रजिस्टर का इस्तेमाल करने के भी निर्देश दिया है। केयर इंडिया की तरफ से जिला को स्वास्थ्य समिति को स्टॉक रजिस्टर, इंडेंट बुक, इंस्पेक्शन नोट, स्टॉक कार्ड उपलब्ध कराई गई है। जिसका इस्तेमाल जिले के सभी अस्पतालों में किया जाएगा। पत्र के माध्यम से बताया गया है कि इन्वेंटरी रिकॉर्ड के उपयोगिता की समीक्षा प्रत्येक माह होने वाले जिलास्तरीय ई-औषधि समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन द्वारा की जाएगी। साथ ही केयर इंडिया में माध्यम से छह माह में इसका मूल्यांकन कर प्रगति प्रतिवेदन से राज्य स्वास्थ्य प्रतिवेदन से राज्य स्वास्थ्य समिति को अवगत कराना होगा। केयर इंडिया के डी.टी.एल. नसीरुद्दीन अंसारी ने कहा कि ई-औषधि एवं ई-उपकरण की शुरुआत की गई है। जिला एवं प्रखंड स्तरीय अस्पतालों में दवाओं एवं उपकरणों की सूचनाओं को ऑनलाइन कर इसे अधिक पारदर्शी बनाने की पहल की गई है। इससे दवाओं एवं जरूरी उपकरणों की मांग एवं वर्तमान स्टाक का पता चल सकेगा, जिससे आपूर्ति सुनिश्चित करने में आसानी होगी। दवाओं एवं उपकरणों की जानकारी ऑनलाइन होने से स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध दवाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध होगी। चिकित्सकों द्वारा लिखे जाने वाले दवा पर्ची को ऑनलाइन करने से दवाओं की वास्तविक मांग का पता चलेगा। दवा के डिमांड के अनुसार आपूर्ति किए जाने पर पूरा विवरण पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज हो जाएगा। इससे जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध दवाओं की निगरानी के साथ पारदर्शिता में बढ़ोतरी होगी। इससे दवाओं की एक्सपायरी का भी पता चलेगा एवं एक्सपायर होने वाली दवाओं की उपलब्धता खपत से पहले की जा सकेगी।