दुनियाभर में करीब 42.5 करोड़ की आबादी डायबीटीज का शिकार है। सोचिए कि यह बीमारी कितना गंभीर रूप ले चुकी है और कितनी तेजी से पांव पसार रही है। शहर ही नहीं बल्कि गांवों में भी अब यह बीमारी तेजी से फैल रही है। वैसे तो अब डायबीटीज के ट्रीटमेंट के लिए कई तरह की दवाइयां और इलाज आ गए हैं। लेकिन फिर भी इस बीमारी को लेकर एहतियात बरतने की सख्त जरूरत है।

डायबीटीज की वजह से हार्ट डिजीज स्ट्रोक का खतरा

अगर सही समय पर डायबीटीज का इलाज न किया जाए तो दिल से जुड़ी बीमारियां और स्ट्रोक तक का खतरा रहता है। लिहाजा डायबीटीज खासकर टाइप 2 डायबीटीज के अगर शुरुआती लक्षणों का पता चल जाए तो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना आसान हो जाता है। बार-बार पेशाब आना, बहुत ज्यादा प्यास लगना, मुंह में चिपचिपापन रहना, पसीने में बदबू ज्यादा होना, फोड़े-फुंसियां ज्यादा होना- ये सब डायबीटीज होने के लक्षण हैं।

उंगली में अकड़न या दर्द हो
लेकिन एक संकेत जिसे डायबीटीज का वॉर्निंग साइन माना जा सकता है वह है- उंगली हिलाने पर उंगली में अकड़न महसूस होना या फिर उंगली चटकाने पर तेज दर्द महसूस होना। ऐसा किसी एक उंगली या अंगूठे में हो तो यह टाइप 2 डायबीटीज का संकेत हो सकता है। इस लक्षण को फ्लेक्सर टेनोसिनोवाइटिस या ट्रिगर फिंगर कहते हैं। ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें उंगलियों की नसों में इन्फ्लेमेशन यानी जलन महसूस होती है।

सूजन और रेडनेस भी है डायबीटीज का संकेत
उंगली में अकड़न के साथ अगर उंगली चटकाने पर दर्द महसूस हो, पूरी उंगली में रेडनेस और सूजन हो तो ये भी डायबीटीज की बीमारी का संकेत हो सकता है। धीरे-धीरे दिक्कत बढ़ सकती है और आपको उंगली को पूरी तरह से सीधा करने में भी तकलीफ महसूस होती है और ऐसा लगता है मानो आपकी उंगली लॉक हो गई हो। रिपोर्ट तैयार करने वाले एल एल स्मिथ की मानें तो ट्रिगर फिंगर की ये दिक्कत करीब 11 प्रतिशत डायबीटीज के मरीजों में देखने को मिलती है जबकी नॉन डायबीटिक मरीजों में सिर्फ 1 प्रतिशत में ये समस्या होती है।

शुगर लेवल को कम करने की जरूरत
शरीर में अगर लंबे समय तक ब्लड शुगर का लेवल बढ़ा रहे तो ट्रिगर फिंगर की समस्या के बढ़ने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। उंगलियों में होने वाली इस दिक्कत के इलाज की बात करें तो सबसे पहले ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में लाने की कोशिश की जाती है और उसके 2 तरीके हैं- डायट और एक्सर्साइज। उसके बाद उंगलियों में होने वाले दर्द और जलन को दूर करने की कोशिश की जाती है।