नई दिल्ली। एसिडिटी से बचने के लिए हमारे देश में बड़ी मात्रा में एंटासिड का सेवन किया जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए एंटासिड की बिक्री से जुड़ा नया नियम लागू किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य रोगियों की सुरक्षा को बढ़ावा देना है। नए नियम के तहत एंटासिड के रैपर पर यह वॉर्निंग देना जरूरी होगा कि इसका उपयोग किडनी के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकता है।
भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ने एक निर्देश जारी किया गया है, जिसमें सभी राज्य नियामक अधिकारियों और प्रोटॉन पंप इनहेबिटर्स (पीपीआई) के प्रत्यक्ष निर्माताओं से पूछा गया कि एंटासिड बाजार का एक बड़ा हिस्सा है और काफी बड़ी मात्रा में लोग इस दवाई का सेवन करते हैं। लेकिन इस दवाई का एक प्रतिकूल प्रभाव गुर्दे के लिए बहुत अधिक घातक हो सकता है, इससे जुड़ी चेतावनी इस दवाई की पैकेजिंग में दी जानी चाहिए। जो इस दवाई का एडवर्स ड्रग रिऐक्शन है। इसके साथ ही जिन दवाइयों में पैंटोप्राजोल, ओमेप्राजोल, लांसोप्राजोल, एसोमप्राजोल और उनके संयोजन शामिल हैं, उनकी पैकेजिंग के अंदर भी इस तरह की चेतावनी दी जाएगी। इसके लिए दवाई की पैकेजिंग में इस बारे में वॉर्निंग लिखा एक पेपर इंसर्ट किया जाएगा या प्रिस्क्रिप्शन ड्रग लेबल पर इस बारे में जानकारी को प्रमुखता से दिया जाएगा। हालांकि अभी तक इस पर दवाई के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग के बारे में जानकारी दी जाती है।