Seoni: मध्यप्रदेश के सिवनी (Seoni) जिला अस्पताल में सोमवार की देर शाम PICU वार्ड में भर्ती 14  बच्चों को एंटीबॉयोटिक का इंजेक्शन लगते ही उनकी हालत गंभीर हो गई। सभी बच्चों को तेज बुखार के साथ-साथ दस्त और उल्टी होने लगी। बच्चों की बिगड़ती तबीयत के कारण अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। बच्चों के परिजनों ने इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी। सूचना मिलने पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन और अन्य चाइल्ड स्पेसलिस्ट डॉक्टरों की टीम द्वारा बच्चों का इलाज किया जा रहा है।

CEFTRIAXONE नामक एंटीबायोटिक इंजेक्शन दिया गया (Seoni)

बच्चों के परिजनों का कहना है कि सोमवार की शाम करीबन साढ़े सात बजे शिशु वार्ड में भर्ती बच्चों को CEFTRIAXONE नामक एंटीबायोटिक इंजेक्शन दिया गया। इंजेक्शन लगते ही बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ पर गलत इंजेक्शन लगाकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। इस पूरे मामले पर जांच कराकर कार्रवाही करने की मांग की है। परिजनों ने बताया कि इंजेक्शन लगने के बाद बच्चों को तेज ठंड लगने लगी। उल्टियां होने लगी और बुखार भी आ गया। सभी बच्चे रोने लगे। तीन बच्चों का स्वास्थ्य अधिक खराब होने के कारण उन्हें पीआईसीयू (पोस्ट ऑपरेटिव आईसीयू) वार्ड में भर्ती किया गया। उनकी हालत में अब सुधार है। इस पूरे मामले में जांच की जायेगी।

बहुत देर तक नहीं पहुंचे कोई डॉक्टर

साथ ही परिजनों का कहना है कि बच्चों की हालत  बिगड़ने पर वहां जल्दी कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा। बच्चों की बिगड़ती हालत के बाद मौके पर पहुंचे सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर ने तुरंत शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पटेरिया को बुलाकर शिशु वार्ड में भर्ती बच्चों का इलाज शुरु किया।

डॉक्टर का कहना नहीं दिए गए गलत इंजेक्शन

परिजनों के द्वारा लगाए इन तमाम आरोपों पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन विनोद नावकर ने कहा कि बच्चों को गलत इंजेक्शन नहीं लगाया गया है। जिला अस्पताल के PICU वार्ड में भर्ती बीमार बच्चों को डॉक्टरों के मार्गदर्शन में ही सपोर्टिव मेडिसिन के तौर पर प्रति दिन की तरह एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाया गया था। जिसमें कुछ बच्चों की इंजेक्शन लगाने के बाद तबियत बिगड़ी है। अभी इलाज के बाद सभी बच्चों की तबियत सामान्य है।

जांच के लिए भेजे जायेंगे इंजेक्शन

सिविल सर्जन ने कहा है कि जिस इंजेक्शन के लगने से बच्चों की तबीयत बिगड़ गई उन्हें अलग कर दिया गया है। इन इंजेक्शनों की जांच लेबोरेटरी में की जायेगी।

 

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