बिजनौर। जिला अस्पताल एवं अन्य प्राइवेट अस्पतालों में एक्पायरी दवा या इंजेक्शन आदि मिलने पर संबंधित चिकित्सकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। इसकी जांच के लिए अफसरों द्वारा प्रत्येक माह अस्पतालों का निरीक्षण किया जाएगा और रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
जिला अस्पताल समेत जिले में करीब एक हजार सरकारी और प्राइवेट अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में विभिन्न बीमारी से पीडि़त लोग अपना इलाज कराते हैं। अस्पतालों में एक्सपायरी दवाओं से मरीजों का इलाज न हो, इसके लिए कुछ चिकित्सक निजी स्वार्थ के लिए एक्सपायरी दवाओं तक का इस्तेमाल कर देते हैं। इस पर शासन सख्त हो गया है। लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए औषधि प्रशासन आयुक्त ने प्रदेश के सभी जिलों के डीआई को प्रत्येक माह अस्पतालों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सकों का मानना है कि एक्सपायरी डेट के बाद दवाएं न सिर्फ असरदार नहीं रह जाती हैं बल्कि एक्सपायर दवा खाने के बाद रोगी की जान तक जा सकती है। इसलिए रोगी और चिकित्सक को एक्सपायरी दवाओं का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। औषधि निरीक्षक आशुतोष मिश्रा ने बताया कि शासन के निर्देश हैं कि लोगों को दवाओं के माध्यम से लोगों ठीक प्रकार से इलाज मिले। नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। डीआई ने बताया कि पहले एक्सपायरी दवाओं को स्टोर करके रख सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।