बरेली। बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति स्वास्थ्य विभाग की भारी लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। मेडिकल कॉरपोरेशन से मिले पत्र से स्पष्ट हुआ है कि जिले में बच्चों के एंटीबायोटिक सीरप की हजारों शीशियां बटने के बाद कॉरपोरेशन ने सैंपल फेल होने की रिपोर्ट भेजी है। साथ ही अब सीरप के इस्तेमाल पर रोक लगाने को कहा गया है। छोटे बच्चों को सर्दी, खांसी, जुकाम होने पर सरकारी अस्पतालों में एजिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक सीरप दिया जाता है। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन ने जून में इसकी 30 हजार से अधिक शीशियां भेजी। जिले के स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 20 हजार शीशियां, जिला अस्पताल में 10 हजार और महिला अस्पताल में करीब 450 शीशियां आई। स्वास्थ्य केंद्रों में सभी 20 हजार शीशियां और जिला अस्पताल में करीब सात हजार सीरप की शीशियां मरीजों को बांट दी गईं। बीते दिनों मेडिकल कॉरपोरेशन ने प्रदेशभर से दवा के अलग-अलग बैच के सैंपल लेकर जांच की। 27 बैच के सैंपल अधोमानक पाए गए। इसके बाद कॉरपोरेशन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दवा का इस्तेमाल रोकने के लिए पत्र भेजा है, जबकि विभाग के पास बहुत स्टॉक बचा है। इस मामले में सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ला का कहना है कि मेडिकल कॉर्पोरेशन की ओर से एजिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक सीरप के अधोमानक पाए जाने की सूचना मिली है। इसके बाद दवा का इस्तेमाल रोक दिया गया है। बचा हुआ सीरप वापस भेजा जाएगा।